क्या बीएमसी चुनाव तक राज और उद्धव ठाकरे साथ आएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात से राजनीतिक हलचल तेज हुई है।
- बीएमसी चुनाव के नजदीक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
- महायुति में सभी दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे।
मुंबई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की, जिससे प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है।
शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि बीएमसी चुनाव तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि दोनों की मुलाकात का क्या अर्थ है।
रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वे दोनों भाई हैं; अब कई वर्षों के बाद मिले हैं, इसलिए स्वाभाविक है कि वे कई बार मिलेंगे। उनकी मुलाकात पर इतनी चर्चा का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह न तो राष्ट्रीय और न ही महाराष्ट्र स्तर का विषय है।
दोनों भाइयों के एक साथ आने पर उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को हमने देखा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर उपस्थित थे। राज ठाकरे के लिए उस दिन मराठी भाषा का मुद्दा था, जबकि उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी चुनाव महत्वपूर्ण था। अभी तक राज ठाकरे ने संकेत नहीं दिया है कि वे साथ जाएंगे। भविष्य में क्या होगा, यह किसी को नहीं पता।
उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में अभी भी समय है; धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन किसके साथ जा रहा है। मैं बीएमसी चुनाव के लिए एक बात स्पष्ट कर दूं कि महायुति में शामिल तीनों राजनीतिक दल साथ में चुनाव लड़ने वाले हैं।
एकनाथ शिंदे की महायुति में अनबन की खबरों को उन्होंने अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है।
मराठी भाषा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह एक राजनीतिक स्टंट हो सकता है, लेकिन हमने इसे कभी ऐसा नहीं माना। हमारे नेता ने तो मराठी भाषा को महाराष्ट्र में राज्य भाषा का दर्जा दिलाने की वकालत की है।
वहीं, एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच पर उन्होंने कहा कि अभी देखना होगा कि दोनों टीमों के बीच मैच कहां आयोजित किया जा रहा है। समय आने पर इस पर भी चर्चा होगी।