क्या चैट जीपीटी से राजनीति संभव है? ब्रजेश पाठक का अखिलेश यादव पर तीखा वार
 
                                सारांश
Key Takeaways
- ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- आरएसएस को देश का सबसे बड़ा संगठन माना जाता है।
- किसानों की शक्ति और उनकी भूमिका पर चर्चा की गई।
लखनऊ, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संदर्भ में दिए गए बयान पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को आरएसएस पर टिप्पणी करने से पहले देश के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास का गहन अध्ययन करना चाहिए।
ब्रजेश पाठक ने आईएनएस से बातचीत में बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा संगठन है, जो हर विपरीत परिस्थिति में जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर देश की सेवा करता है। यह संगठन ‘भारत माता’ और राष्ट्र को सबसे पहले मानता है। पाठक ने कहा, "अखिलेश यादव को इस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए, क्योंकि वे जानते हैं कि उनके बयान केवल तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव चुनाव आयोग द्वारा फर्जी मतदाताओं और घुसपैठियों को सूची से हटाने के प्रयास का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनकी राजनीति प्रभावित होती है। पाठक ने कहा कि चुनाव आयोग पारदर्शी प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अपडेट कर लोकतंत्र को मजबूत करने का कार्य कर रहा है। समाजवादी पार्टी आज ‘राजनीतिक इस्लाम की प्रयोगशाला’ बन गई है, और यह चर्चा पूरे देश में है। अखिलेश यादव कट-पेस्ट की राजनीति करते हैं, लेकिन राजनीति चैट जीपीटी से नहीं चल सकती।
डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश यादव को संघ के योगदान को समझना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के बाद जब देश युद्ध की स्थिति में था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस से आग्रह किया था कि वे दिल्ली की परेड में भाग लें। नेहरू ने स्वयं कहा था कि संघ के कार्यकर्ताओं की भागीदारी से परेड की प्रक्रिया पूर्ण होगी।
किसानों पर अखिलेश यादव की टिप्पणी पर भी ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, "आप किसानों को कमजोर क्यों मानते हैं? आज का किसान अंग्रेजी भी जानता है और हिंदी भी। यह कहना कि किसान का बेटा अंग्रेजी मीडियम में नहीं पढ़ सकता, अत्यधिक आपत्तिजनक है। क्या केवल नेताओं और अमीरों के बच्चे ही विदेश जाएंगे या अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ेंगे? आज किसान का बेटा प्रगतिशील बनकर देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहा है।"
पाठक ने कहा कि कोविड काल में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा रही थीं, तब भारत की रीढ़ किसान और कृषि क्षेत्र ने संभाली थी। उन्होंने अखिलेश यादव से कहा कि आपको इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए और देश-प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            