क्या चुनाव आयोग तरनतारन उपचुनाव के बाद दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच करेगा?: शिअद

Click to start listening
क्या चुनाव आयोग तरनतारन उपचुनाव के बाद दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच करेगा?: शिअद

सारांश

तरनतारन उपचुनाव के बाद एफआईआर की निष्पक्ष जांच की मांग उठाते हुए, शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की अपील की। क्या यह कदम पंजाब की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा? जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में।

Key Takeaways

  • शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
  • उपचुनाव के बाद दर्ज एफआईआर की जांच की आवश्यकता है।
  • राजनीतिक दबाव की बातें उठाई जा रही हैं।
  • चुनाव आयोग की कार्रवाई से भविष्य के चुनावों पर असर पड़ेगा।
  • पुलिस पर आरोप लगाए गए हैं कि वे सत्ताधारी पार्टी के दबाव में काम कर रही है।

तरनतारन, १६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग से पंजाब की तरनतारन विधानसभा सीट पर उपचुनाव के बाद अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि शिअद चुनाव आयोग से आग्रह करता है कि वह चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद तरनतारन में दर्ज सभी एफआईआर की स्वतंत्र जांच का आदेश दे। यदि राज्य सरकार और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो चुनाव आयोग में जनता का विश्वास पूरी तरह से कम हो जाएगा, जो भविष्य के चुनावों के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।

उन्होंने कहा कि ऐसी अभूतपूर्व और गैरकानूनी कार्रवाइयों को अंजाम देकर, सरकार जनता को डराना चाहती है। इस प्रतिशोध की राजनीति का उद्देश्य उन नेताओं को दंडित करना है, जिन्होंने भगवंत मान सरकार के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया।

पोस्ट में कहा गया कि शिअद द्वारा लिखित शिकायत के बावजूद उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने हमारे उम्मीदवार की बेटी कंचन प्रीत कौर का फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ी में संदिग्ध रूप से पीछा किया था। इसके बजाय चुनाव परिणामों के बाद इस घटना का पर्दाफाश करने वालों को झूठे मामलों में फंसाकर गिरफ्तार कर लिया गया। यह चुनाव आयोग के लिए एक सीधी चुनौती है।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) चुनाव आयोग से अपील करता है कि वह पूरे मामले की जांच एक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक से करवाएं। बता दें कि शिअद ने आरोप लगाया था कि पुलिस उपचुनाव में अकाली नेताओं और कार्यकर्ताओं को कैंपेन करने से रोक रही है और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है। शिअद ने पुलिस पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के दबाव में काम करने का भी आरोप लगाया था। शिअद ने यह भी कहा था कि हमारे नेताओं को प्रचार करने से रोकने के लिए नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिरोमणि अकाली दल की अपील जनता की आवाज़ है, जो चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने की मांग कर रही है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग की भूमिका और कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण होगी।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

तरनतारन उपचुनाव क्या है?
तरनतारन उपचुनाव पंजाब की विधानसभा सीट के लिए होने वाला चुनाव है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार भाग लेते हैं।
शिरोमणि अकाली दल ने किसकी जांच की मांग की है?
शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग से अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
क्या चुनाव आयोग इस मामले की जांच करेगा?
यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि वह शिरोमणि अकाली दल की मांगों को स्वीकार करता है या नहीं।
Nation Press