क्या कांग्रेस बनाम कांग्रेस का संघर्ष अब चरम पर है? : भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला

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क्या कांग्रेस बनाम कांग्रेस का संघर्ष अब चरम पर है? : भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला

सारांश

क्या कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष अब अपने चरम पर पहुँच गया है? भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानिए उन्होंने क्या कहा और कांग्रेस की वर्तमान स्थिति क्या है।

Key Takeaways

  • कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष बढ़ रहा है।
  • दिग्विजय सिंह के बयान ने स्थिति को और स्पष्ट किया।
  • राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
  • भाजपा ने इसे अपने फायदे के रूप में देखा है।
  • कांग्रेस में डेमोक्रेसी का अभाव है।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संबंध में एक पोस्ट किया था, जो अब विवाद का कारण बना हुआ है। भाजपा इस बयान को अपने संगठन की प्रशंसा के रूप में देख रही है। इस बीच, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा, "अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस बनाम कांग्रेस का संघर्ष चरम पर पहुँच चुका है। हमने पहले देखा कि शशि थरूर ने राहुल गांधी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया और उनकी बातों से किनारा किया। इसके बाद इमरान मसूद ने कहा कि प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ। मोहम्मद मोकिम ने भी यही कहा। अब दिग्विजय सिंह, जो राहुल गांधी के मेंटर माने जाते हैं, ने एक नहीं बल्कि कई बार पोस्ट किया और कहा कि हमारा संगठन कमजोर है। उनके बयान दर्शाते हैं कि कांग्रेस में कोई डेमोक्रेसी नहीं है। राहुल गांधी अपनी हार के कारण को स्वीकारना नहीं चाहते।

पूनावाला ने कहा, "दबाव के चलते दिग्विजय सिंह ने अपने बयान को थोड़ा बदल दिया, लेकिन मूलभाव यह है कि राहुल गांधी के साथ जनमत नहीं है। उनके नेतृत्व में पार्टी करीब 95 चुनाव हारी। न संगत है, उमर अब्दुल्ला से लेकर लेफ्ट और समाजवादी पार्टी के लोग भी राहुल गांधी से सहमत नहीं हैं। अब उनके ही घर और परिवार वाले भी उनके साथ नहीं हैं। आज यह सवाल उठता है कि दिग्विजय सिंह के ऊपर कहीं कार्रवाई न हो जाए। जैसे ही मोहम्मद मोकिम ने पार्टी के बारे में कुछ कहा, तो राहुल गांधी कैंप ने उन पर कार्रवाई कर दी। ऐसे में अब पता नहीं कि राहुल गांधी कैंप, प्रियंका गांधी कैंप पर अब दूसरी कौन सी कार्रवाई कर दे।"

उन्होंने कहा, "बांग्लादेश की परिस्थितियों को लेकर सैम पित्रौदा ने भारत को दोष दिया है। ऐसे में फिर से एक बार अंकल सैम बांग्लादेश में जिहादियों के बचाव में आ चुके हैं। यह वही अंकल सैम हैं, जो भारत के लोगों की तुलना अफ्रीकन और चाइनीज से करते हैं और नस्लभेदी टिप्पणी करते हैं, पाकिस्तान को 26/11 और पुलवामा के लिए क्लीनचिट देते हैं, और घुसपैठियों का समर्थन करते हैं। अब उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का जिम्मेदार भारत को बनाया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष उसके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। पार्टी के भीतर असहमति और नेतृत्व के प्रति असंतोष महत्वपूर्ण संकेत हैं। इस स्थिति का राजनीतिक परिदृश्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, और हमें इसके विकास पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष क्यों बढ़ रहा है?
कांग्रेस के नेताओं के बीच अविश्वास और असहमति के कारण आंतरिक संघर्ष बढ़ रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने दिग्विजय सिंह के बारे में क्या कहा?
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस की कमजोरी उजागर होती है।
क्या राहुल गांधी का नेतृत्व चुनौती में है?
जी हाँ, राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनाव हारे हैं, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो रही है।
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