क्या देश भर में एसआईआर होने से पारदर्शिता आएगी? : गुलाम अली खटाना

सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर योजना से पारदर्शिता बढ़ेगी।
- यह योजना फर्जी वोटिंग को रोकने में सहायक होगी।
- भाजपा की कार्यशाला में सांसदों की जिम्मेदारियों पर ध्यान दिया जाएगा।
- जीएसटी सुधार के लिए पीएम मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- तेजस्वी यादव के बयान पर खटाना ने प्रतिक्रिया दी।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में बिहार की तर्ज पर एसआईआर लागू करने की योजना पर भाजपा के राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने टिप्पणी की है। उन्होंने इसे एक स्वागतयोग्य कदम बताते हुए कहा कि यह योजना पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगी।
गुलाम अली खटाना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "एसआईआर एक सकारात्मक पहल है और मुझे लगता है कि पारदर्शिता बेहद आवश्यक है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भारत के चुनाव आयोग के प्रति जो डर पैदा करने की कोशिश की है, यह योजना उस डर को खत्म करेगी और जवाबदेही लाएगी। मुझे यकीन है कि इससे फर्जी वोटिंग को कम करने में मदद मिलेगी। जिन लोगों का वोट बनना चाहिए, केवल उन्हीं का वोट बनेगा। इसके अलावा, जिन लोगों का पलायन हो चुका है, उनके मत वहाँ बनाए जाएंगे।
भाजपा की दो दिवसीय कार्यशाला के संदर्भ में उन्होंने कहा, "भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और यह नियमित रूप से विभिन्न संगठनात्मक कार्यक्रम आयोजित करती है। यह कार्यशाला भी उनमें से एक है, जहाँ सांसदों की जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।"
जीएसटी सुधार पर उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह निर्णय केवल पीएम मोदी ही ले सकते हैं। ऐसे निर्णय के लिए राजनीतिक परिपक्वता और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। मैं मानता हूँ कि यह हमारे देश के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि विपक्ष केवल आलोचना करता है।"
गुलाम अली खटाना ने तेजस्वी यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव की सोच में कमी है। केरल कांग्रेस के नेता बिहार के लोगों को बीड़ी से जोड़ते हैं।"