क्या दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जाएगा? : प्रवीण खंडेलवाल

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में प्रदूषण का स्तर वर्तमान में 350 के आसपास है।
- भाजपा सांसद ने 10 वर्षों की अव्यवस्था को 8 महीनों में ठीक करना असंभव बताया।
- सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है।
- केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ सहयोग कर रही है।
- निष्पक्ष चुनाव के लिए अवैध मतदाताओं को हटाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार प्रदूषण रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं कर रही है। इस पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि 10 वर्षों की अव्यवस्था को 8 महीनों में ठीक नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल हम दिल्लीवासियों को एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करेंगे।
दीपावली के बाद दिल्ली में प्रदूषण स्तर में वृद्धि पर खंडेलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार प्रदूषण का स्तर कम है। उन्होंने बताया कि पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान प्रदूषण का स्तर 600 तक पहुंच गया था। पिछली सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिसका खामियाजा दिल्लीवासियों को उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी एजेंसियों को सतर्क किया है। हमारी सरकार प्रदूषण कम करने में सफल रही है और प्रदूषण का स्तर लगभग 350 है। यदि पिछली सरकार उचित कदम उठाती, तो आज दिल्ली की स्थिति बेहतर होती। हमारी सरकार ने प्रदूषण के विभिन्न कारणों का अध्ययन किया है और प्रत्येक कारण को समाप्त करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। प्रदूषण से बचाव के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है, और जल्द ही हम प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में सफल होंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर खंडेलवाल ने महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक अवसरवादिता का एक गठजोड़ है। यह सच्चाई अब स्पष्ट हो रही है।
उन्होंने दावा किया कि बिहार में एनडीए आगामी चुनाव में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
पुलिस स्मृति दिवस पर खंडेलवाल ने पुलिस बल की सराहना की और कहा कि हम तब ही चैन की सांस लेते हैं, जब पुलिस तत्परता से कार्य करती है। मेरा मानना है कि पुलिस को और अधिक आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने एसआईआर के मुद्दे पर कहा कि यह लालू यादव की पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। उन लोगों की बातें अलग होती हैं, और उनके कार्य अलग होते हैं। एसआईआर इसलिए जरूरी था क्योंकि बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता थे, जिनकी वजह से निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हो पाता था। निष्पक्ष चुनाव के लिए अवैध मतदाताओं को हटाना आवश्यक है।