क्या गेंदबाजों को बल्लेबाजी की ट्रेनिंग दी होती तो भारत जल्दी ही मैच जीत जाता?: योगराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- गेंदबाजों को बल्लेबाजी का प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
- बल्लेबाजों के समान गेंदबाजों को भी प्रैक्टिस कराई जानी चाहिए।
- हर खिलाड़ी को समग्र रूप से तैयार होना चाहिए।
- जडेजा पर पूरा दबाव नहीं होना चाहिए।
- गेंदबाजों को टेलएंडर कहना उचित नहीं है।
चंडीगढ़, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लॉर्ड्स के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के पांचवे दिन, पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने कहा कि अगर हम पुछल्ले बल्लेबाजों को ऑलराउंडर बना देते, तो मैच अब तक समाप्त हो चुका होता।
योगराज सिंह ने सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "ऑलराउंडर प्राकृतिक रूप से नहीं आते, इन्हें तैयार किया जाता है। मैंने बार-बार कहा है कि गेंदबाजों को भी बल्लेबाजी का अभ्यास कराना आवश्यक है। दूसरी पारी में केवल रवींद्र जडेजा पर पूरा दबाव क्यों है? नीतीश रेड्डी के आउट होने पर उन्हें ट्रोल करना सही नहीं है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अंतिम पंक्ति के खिलाड़ी में भी इस मैच को जीतने की क्षमता है। उन्होंने गेंदबाजों को बल्लेबाज के रूप में भी अभ्यास करने का समर्थन किया।
योगराज ने कहा कि जब हम बल्लेबाजों को अभ्यास करवा सकते हैं, तो गेंदबाजों को क्यों नहीं? कोई भी खिलाड़ी जन्मजात ऑलराउंडर नहीं होता; यह उसके कोच का काम होता है। यदि कोई अच्छा गेंदबाजी कर रहा है, तो उस पर थोड़ा भरोसा दिखाने से भारत के गेंदबाज भी अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
योगराज ने कहा कि यदि गेंदबाजों को बल्लेबाजी का अभ्यास कराया जाता, तो जडेजा पर इतना दबाव नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सभी खिलाड़ियों को एक स्तर पर नहीं लाया जाता, तब तक मैच जीतने की स्थिति में नहीं पहुंच सकते।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि गेंदबाजों को 'टेलएंडर' कहना सही नहीं है। वे टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेला गया, जहां पांचवें दिन मेज़बान टीम ने भारत पर हावी होकर 23 रनों से जीत हासिल की। इसके साथ ही भारत पांच मैचों की श्रृंखला में 1-2 से पीछे हो गया है।