क्या हुमायूं कबीर का निलंबन ममता बनर्जी के लिए खतरा साबित होगा?
सारांश
Key Takeaways
- हुमायूं कबीर का निलंबन राजनीतिक विवाद का कारण बन सकता है।
- कबीर ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- उन्होंने बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया है।
- 2026 में ममता बनर्जी के सीएम न बनने की भविष्यवाणी की है।
- कबीर ने अपनी नई पार्टी बनाने की योजना बनाई है।
मुर्शिदाबाद, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया है, जिन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की थी। इस पर हुमायूं कबीर ने एक नई पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, साथ ही सीएम ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया है。
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने मस्जिद के लिए स्थान दिखा दिया है। अब यह बताने की जरूरत नहीं है कि जमीन कितनी है। हमने नींव रखने की बात की है और हम इसे पूरा करेंगे। हम इस्लामिक हॉस्पिटल, मुसाफिरखाना, होटल, हेलिपैड, पार्क और मेडिकल कॉलेज भी बनाएंगे। मुझे चुनौती है कि मुझे कौन रोक सकता है।
कबीर ने ममता बनर्जी पर आरएसएस के लिए काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब ममता 2011 में सीएम बनीं, तब राज्य में 500 से कम आरएसएस के स्वयंसेवक थे, लेकिन अब 14 साल बाद यह संख्या 12,000 से अधिक हो गई है। यह दर्शाता है कि वह किसके लिए काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी कोष से पैसा खर्च करके जगन्नाथ मंदिर किसने बनवाया? ममता ने 1,100 करोड़ रुपए की जमीन मंदिर के लिए दी। अगर मैं मस्जिद बना रहा हूं तो उन्हें गुस्सा क्यों है?
उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए सरकार ने क्या किया? कितने लोगों को नौकरी दी? उन्हें इसका जवाब देना होगा। टीएमसी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि चुनाव में क्या होगा, यह समय बताएगा।
हुमायूं कबीर ने कहा कि 2026 में ममता बनर्जी सीएम नहीं बनेंगी, बल्कि वह पूर्व सीएम हो जाएंगी। वह शपथ नहीं ले पाएंगी।
ज्ञात हो कि हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद बनाने की घोषणा की है, जिसका नाम उन्होंने बाबरी मस्जिद रखा है। उनके अनुसार, 6 दिसंबर को इस मस्जिद की नींव रखी जाएगी। इस पर विवाद उठ चुका है और हिंदूवादी संगठनों ने चेतावनी दी है।