क्या पाक सेना प्रमुख की धमकी को अमेरिका के सामने मजबूती से उठाएगी केंद्र सरकार?: ओवैसी

सारांश
Key Takeaways
- असदुद्दीन ओवैसी ने पाक सेना प्रमुख की धमकियों की निंदा की।
- केंद्र सरकार को अमेरिका के सामने मजबूत स्थिति अपनाने की सलाह दी।
- भारत ने स्पष्ट किया कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।
- पाकिस्तान की सैन्य योजनाओं के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता।
- बजटीय आवंटन में सुधार की मांग की गई।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर द्वारा भारत के खिलाफ की गई धमकियों की कड़ी निंदा की। ओवैसी ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाने की अपील की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ओवैसी ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख की धमकियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत के खिलाफ धमकियाँ और उनकी भाषा निंदनीय हैं। उन्होंने अमेरिकी धरती से ऐसा किया, जो इस स्थिति को और भी गंभीर बनाता है। सरकार को इस पर एक राजनीतिक प्रतिक्रिया देनी चाहिए और केवल विदेश मंत्रालय के बयान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे अमेरिका के समक्ष मजबूती से उठाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत एक रणनीतिक साझेदार है और अमेरिकी धरती का यह दुरुपयोग भारत और भारतीयों के लिए अस्वीकार्य है। हमें पाकिस्तानी सैन्य योजनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा रक्षा के लिए बजटीय आवंटन में कमी अब और सहन नहीं की जा सकती। हमें बेहतर तैयारी करनी होगी।"
गौरतलब है कि आसिम मुनीर ने शनिवार को फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तानी प्रवासियों के साथ एक निजी रात्रिभोज के दौरान ये धमकियाँ दी थीं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुनीर ने कहा कि "हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे।"
पाकिस्तानी सेना प्रमुख के इस नवीनतम बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, "हमारा ध्यान पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा अमेरिका की यात्रा के दौरान की गई टिप्पणियों पर है। परमाणु हथियार की धमकी देना पाकिस्तान की आदत है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसी टिप्पणियों में निहित गैर-जिम्मेदारी पर अपने निष्कर्ष निकालने चाहिए। ऐसे बयान पाकिस्तान के परमाणु कमान और नियंत्रण की अखंडता पर गंभीर संदेह पैदा करते हैं, जहां सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिली हुई है।"