क्या तेलंगाना आर्थिक परिवर्तन के लिए तीन-जोन मॉडल अपनाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा?

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क्या तेलंगाना आर्थिक परिवर्तन के लिए तीन-जोन मॉडल अपनाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा?

सारांश

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना को आर्थिक परिवर्तन के लिए तीन-जोन मॉडल अपनाने वाला पहला राज्य घोषित किया। यह घोषणा तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट में की गई, जिसमें 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

Key Takeaways

  • तेलंगाना देश का पहला राज्य है जो तीन-जोन मॉडल अपनाने जा रहा है।
  • 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य।
  • मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आर्थिक विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण।

हैदराबाद, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को यह ऐलान किया कि तेलंगाना आर्थिक परिवर्तन के लिए तीन-जोन मॉडल अपनाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यह घोषणा उन्होंने भारत फ्यूचर सिटी में आयोजित तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट के उद्घाटन सत्र में की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य का उद्देश्य 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए तेलंगाना सीयूआरई (कोर अर्बन रीजन इकोनॉमी) के माध्यम से सेवाओं के क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा, पीयूआरई (पैरी-अर्बन रीजन इकोनॉमी) के अंतर्गत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करेगा और आरएआरई (रूरल एंड एग्री रीजन इकोनॉमी) के जरिए कृषि-आधारित विकास को आगे बढ़ाएगा।

व्यापार जगत, कॉर्पोरेट सेक्टर, सार्वजनिक नीति, कूटनीति, सरकार और अकादमिक क्षेत्र से आए प्रतिनिधियों का उन्होंने दो दिवसीय समिट में स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल 2.9 प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद तेलंगाना देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 5 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने 2047 तक तेलंगाना का भारत की अर्थव्यवस्था में 10 प्रतिशत योगदान का संकल्प दोहराया।

रेवंत रेड्डी ने चीन के ग्वांगडोंग प्रांत का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने दो दशकों में अप्रत्याशित आर्थिक विकास किया और चीन की शीर्ष आर्थिक शक्ति बनकर उभरा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना भी वैश्विक सर्वश्रेष्ठ मॉडलों को अपनाते हुए चीन, जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसी सफल अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने और सहयोग एवं निवेश को आकर्षित करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि राज्य के भविष्य के रोडमैप को परामर्श और सामूहिक बुद्धिमत्ता की भावना पर आधारित रखा गया है, ठीक उसी तरह जैसे भारत के संविधान का निर्माण हुआ था। उन्होंने याद दिलाया कि अलग तेलंगाना राज्य का सपना 2014 में सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में साकार हुआ था।

मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, “तेलंगाना देश का सबसे युवा राज्य है और हमारा लक्ष्य इसे भारत का सबसे विकसित राज्य तथा वैश्विक स्तर पर प्रमुख राज्यों में शामिल करना है।” उन्होंने बताया कि तेलंगाना राइजिंग 2047 दृष्टि दस्तावेज़ तैयार करने के लिए नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों, केंद्र सरकार के विशेषज्ञों, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस और नीति आयोग से व्यापक परामर्श किया गया।

उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में मिले विचारों, सुझावों और अनुभवों को राज्य के विकास की दिशा में सम्मिलित किया जाएगा।

रेवंत रेड्डी ने कहा, “अगर कुछ कठिन है, तो उसे तुरंत करें। यदि आप सोचते हैं कि कुछ असंभव है, तो हम उसे पूरा करने के लिए भी समय सीमा बढ़ा देंगे।”

उन्होंने अंत में कहा, “कल यह केवल एक सपना और योजना थी, लेकिन आज आप सभी के साथ यह भागीदारी और संकल्प बन गया है। तेलंगाना राइजिंग अजेय है। आइए, इस विकास यात्रा में शामिल हों।”

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना का तीन-जोन मॉडल क्या है?
तीन-जोन मॉडल में कोर अर्बन रीजन इकोनॉमी, पैरी-अर्बन रीजन इकोनॉमी और रूरल एंड एग्री रीजन इकोनॉमी शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का लक्ष्य क्या है?
मुख्यमंत्री का लक्ष्य 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
तेलंगाना कब अलग राज्य बना?
तेलंगाना 2014 में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अलग राज्य बना।
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