क्या कांग्रेस ने तुष्टिकरण की सीमा पार कर दी? : गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के तुष्टिकरण पर जोरदार हमला किया।
- कांग्रेस के बयान को पाकिस्तान परस्त राजनीति की नई सोच माना गया।
- ऑपरेशन सिंदूर के महत्व पर सवाल उठाए गए।
- बिहार में एसआईआर पर बहस का मुद्दा उठाया गया।
- राहुल गांधी की माफी की आवश्यकता पर बल दिया गया।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम द्वारा पाकिस्तान को 'क्लीन चिट' देने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की सीमा पार कर दी है। चिदंबरम का बयान पाकिस्तान परस्त और मुस्लिम परस्त राजनीति का एक नया उदाहरण है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने देश और सेना के शौर्य पर गर्व नहीं है, इसलिए वह ऐसे प्रश्न उठा रहे हैं। यह कांग्रेस की पुरानी आदत है। मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर कहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी को किसी भी तरह से हटाओ, और आज पी. चिदंबरम ने इस बात को साबित किया है।
गिरिराज सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि इस हमले ने देश की मां-बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया। पीएम ने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 22 मिनट में अपनी ताकत का एहसास कराया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। आज कांग्रेस पार्टी इस ऑपरेशन पर प्रश्नचिह्न लगा रही है। राहुल गांधी अगर देश से माफी नहीं मांगते हैं, तो इसका मतलब होगा कि वह चिदंबरम के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कहा था कि आज देश एक है, पार्टी भारत माता है। आज उसी देश में विपक्ष पाकिस्तान परस्त बयान दे रहा है और पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है। जहां पूरी दुनिया गर्व महसूस कर रही है, वहीं कांग्रेस को शर्म आ रही है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
गिरिराज सिंह ने बिहार में एसआईआर पर भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण पर सदन में बहस नहीं हो सकती। यह सभी जानते हैं, चाहे वह विपक्ष हो, राजद हो या कांग्रेस, क्योंकि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है। यदि वे बहस करना चाहते हैं, तो चुनाव आयोग के पास एक बड़ा मीटिंग हॉल है, वहां अपनी चर्चा कर सकते हैं। मतदाता सूची से उन लोगों का नाम काटा गया है जो बांग्लादेशी या रोहिंग्या हैं। बिहार में विपक्षी दलों को गैर मुसलमानों के वोट से संतोष नहीं है, उन्हें अवैध मत पर विश्वास है।