क्या लालटेन की रोशनी बुझने वाली है? : प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- बिहार बदलाव कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की भागीदारी।
- प्रशांत किशोर का संदेश: मुस्लिम समाज की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका।
- राजनीतिक दिशा बदलने के लिए सक्रियता की जरूरत।
- हिंदू और मुस्लिम समुदायों का एकजुट होना आवश्यक।
- सुप्रीम कोर्ट का नागरिकता पर नया दृष्टिकोण।
पटना, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी ने पटना के हज भवन में बिहार बदलाव कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कांफ्रेंस में 3,000 से अधिक मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी उपस्थित हुए। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारी यात्रा से आज लगभग सवा करोड़ लोग जुड़े हैं, जिनमें एक बड़ी संख्या मुस्लिम समुदाय के हैं।
उन्होंने कहा, "मुस्लिम समाज ने जन सुराज को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुसलमानों ने अब तक लालटेन का तेल बनकर जलते रहे हैं, लेकिन अब लालटेन की रोशनी बुझने वाली है।"
प्रशांत किशोर ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से कहा कि अगर आप हमारे साथ आए, तो हम अगले दो साल में देश की राजनीति की दिशा बिहार की ओर मोड़ देंगे। हम आपकी चिंताओं का समाधान 2027 में कर देंगे, 2029 तक नहीं जाने देंगे। बिहार के बाद आपकी लड़ाई यूपी में लड़ी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम समाज ने मेरी बात मानी, तो अब वहां यूसीसी-एनआरसी खत्म हो गया है। देश के 50 प्रतिशत हिंदू जो भाजपा से लड़ रहे हैं, उनमें से 20 प्रतिशत भी साथ आ जाएं, तो हमारी लड़ाई जीत चुकी होगी। हिंदुओं की आधी आबादी ऐसी है, जो गांधी, बाबासाहेब, लोहिया, समाजवाद और कम्युनिस्ट विचारधारा को मानती है।
प्रशांत किशोर ने एसआईआर से नहीं डरने का आह्वान करते हुए कहा कि असली डर यह नहीं है कि कुछ लोगों के नाम कट जाएंगे, बल्कि यह है कि जिनका नाम है, उनका वोट सही जगह पर जाए।
उन्होंने इंडिया अलायंस को चुनौती देते हुए कहा कि आप मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व दीजिए। जहां भी आपके मुस्लिम कैंडिडेट होंगे, वहां हम मुस्लिम को टिकट नहीं देंगे। हम वहां हिंदू को ही लड़ाएंगे।
उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से अपील करते हुए कहा कि आपके वोट की बड़ी कीमत है, इसलिए भीड़ का हिस्सा मत बनिए। हम लोग हैं, आपके लिए लड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सभी लोगों को नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा।