क्या लैंड फॉर जॉब मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी किया?

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क्या लैंड फॉर जॉब मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी किया?

सारांश

क्या लैंड फॉर जॉब मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी किया? यह मामला लालू प्रसाद यादव और उनके करीबी व्यापारियों से जुड़ा है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर संज्ञान लिया।
  • तीन आरोपियों को 13 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का समन जारी किया गया।
  • लालू प्रसाद यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
  • कोर्ट ने सुनवाई को प्रतिदिन करने का निर्देश दिया है।
  • यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है।

नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लैंड फॉर जॉब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। यह मामला लालू प्रसाद यादव के करीबी व्यवसायी अमित कात्याल से संबंधित है।

कोर्ट ने इस मामले में लाल बाबू चौधरी, मुस्तकीम अंसारी और राजेन्द्र सिंह को आरोपी मानते हुए समन जारी किया है। आदेश के अनुसार, तीनों आरोपियों को 13 अक्टूबर को अदालत के समक्ष उपस्थित होना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि लैंड फॉर जॉब से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई अब प्रतिदिन की जाएगी, ताकि मुकदमे को जल्द से जल्द निष्पादित किया जा सके।

इसके साथ ही अदालत ने ईडी से यह भी कहा है कि वह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मिली इजाजत की कॉपी अदालत में जमा करे।

इससे पहले, 8 सितंबर को इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान लालू के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि सीबीआई इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) एक्ट के तहत अनिवार्य मंजूरी हासिल करने में विफल रही है। उन्होंने कहा था कि उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे, इसलिए पीसी एक्ट की धारा 17ए के तहत मंजूरी आवश्यक थी। सीबीआई एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती थी और बिना एफआईआर जांच शुरू नहीं हो सकती थी।

बता दें कि 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला एक भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे सस्ती दर पर जमीन ली। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है। सीबीआई ने इस केस में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य पर आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह लेन-देन बिना किसी वैध प्रक्रिया के हुई। अब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।

Point of View

जिससे यह संकेत मिलता है कि न्याय प्रणाली भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से ले रही है। यह देश के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वे कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

लैंड फॉर जॉब मामला क्या है?
लैंड फॉर जॉब मामला एक भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी देने के बदले सस्ती दर पर जमीन ली।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने क्या निर्णय लिया?
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने तीन आरोपियों को समन जारी किया है और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई प्रतिदिन करने का आदेश दिया है।
कौन-कौन से आरोपी हैं?
आरोपी लाल बाबू चौधरी, मुस्तकीम अंसारी और राजेन्द्र सिंह हैं।
इस मामले में सीबीआई की भूमिका क्या है?
सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली थी, जिसके कारण जांच में बाधा आई।
क्या लालू प्रसाद यादव पर आरोप हैं?
हां, उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।