क्या लोगों से वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है? : प्रमोद तिवारी

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क्या लोगों से वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है? : प्रमोद तिवारी

सारांश

क्या सच में लोगों का वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है? यह सवाल उठाते हुए, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस पर क्या कहते हैं विभिन्न दलों के नेता।

Key Takeaways

  • लोकतंत्र का अधिकार लोगों का है।
  • चुनाव आयोग की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है।
  • धांधली की जांच होनी चाहिए।
  • राजनीतिक दलों का सहयोग आवश्यक है।
  • सिर्फ आरोप लगाना ही नहीं, समाधान भी अपनी जगह होना चाहिए।

नई दिल्ली, ७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों पर विभिन्न दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि राहुल गांधी ने सत्यता को उजागर किया है। यह स्पष्ट हो चुका है कि धांधली बड़े पैमाने पर हो रही थी। हर बूथ पर वोट चुराए जा रहे थे और मतदाता सूची में हजारों नाम थे। हम चुनाव सुधारों की चर्चा चाहते हैं। लोकतंत्र लोगों का है और उन्हें वोट देने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार छीना जा रहा है। हम इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। यह सच है कि सरकार सच्चाई का सामना नहीं करना चाहती है। हम उचित बहस की मांग करते हैं।

सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा कि यह केवल राहुल गांधी का आरोप नहीं है, बल्कि पूरा विपक्ष यही बात कह रहा है। चुनाव आयोग कोई पवित्र गाय नहीं है और यह हमारे प्रस्तावों को कभी स्वीकार नहीं करता। विपक्षी दलों ने कितनी बार कुछ महत्वपूर्ण चिंताएं उठाई हैं? क्या एक भी उदाहरण है जब चुनाव आयोग ने हमारे प्रस्तावों को स्वीकार किया हो? नहीं। लोग सोचते हैं कि यह एक स्वतंत्र निकाय है, लेकिन वे वास्तविकता को स्वीकार नहीं करते। इसलिए हम राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हैं।

डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हम पिछले १२ दिनों से बहस की मांग कर रहे हैं। पूरा देश एसआईआर को लेकर चिंतित है, क्योंकि संभावना है कि विपक्षी दलों के वोट पूरी तरह से अयोग्य हो सकते हैं। संसद किसी भी मुद्दे पर बहस कर सकती है। सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर संसद में गतिरोध है, तो यह विपक्षी दलों की वजह से नहीं है। सत्ताधारी दल सहयोग नहीं कर रहे हैं।

चुनाव आयोग पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि उन्होंने जो कहा, वह सही है। यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तोड़फोड़ करने का एक सुनियोजित प्रयास है। अगर मतदाता सूची में हेरफेर हो रहा है, तो इस देश में लोकतंत्र का क्या मतलब है? मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है और हमें लगता है कि ऐसे संवैधानिक निकायों द्वारा समर्थित भाजपा सरकार लोगों को धोखा दे रही है।

इसके विपरीत, शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि राहुल गांधी बचकाने आरोप लगा रहे हैं। ऐसे अपरिपक्व बयानों पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है।

Point of View

NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष है?
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन यह एक संवैधानिक निकाय है जिसे स्वतंत्रता से कार्य करना चाहिए।
राहुल गांधी के आरोपों का क्या असर होगा?
राहुल गांधी के आरोपों से राजनीतिक माहौल में हलचल आ सकती है, लेकिन वास्तविक प्रभाव चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर निर्भर करेगा।