क्या मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं? जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर हमला किया
सारांश
Key Takeaways
- राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर संकट में हैं।
- जनता को स्वास्थ्य मंत्री की संवेदनहीनता पर सवाल उठाना चाहिए।
- सरकार को स्वास्थ्य बजट का सही उपयोग करना होगा।
भोपाल, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि ये सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं।
पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं, लेकिन प्रदेश के विकास और अपने वचन पत्र की अधूरी गारंटियों के बारे में बात करने के बजाय, सरकार जनता को गुमराह करने में लगी है।
उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के मध्य प्रदेश दौरे का स्वागत करते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पांच सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि मध्य प्रदेश के नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में निजी भागीदारी क्यों कराई जा रही है? छिंदवाड़ा में बच्चों की कफ सिरप से मौत का जिम्मेदार कौन है? इंदौर के शासकीय अस्पताल में बच्चों को चूहों द्वारा कुतरने जैसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? साइंस हाउस घोटाले में लाखों फर्जी जांच कर सरकारी धन की लूट कैसे की गई? मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी क्यों है?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस राज्य में दवा जहर बन रही हो, मासूम बच्चों को एचआईवी विषाक्त खून चढ़ाया जा रहा हो, वहां स्वास्थ्य मंत्री की चुप्पी सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यदि 23,535 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य बजट को ईमानदारी से खर्च किया जाए, तो मध्य प्रदेश के हर नागरिक का इलाज मुफ्त किया जा सकता है, लेकिन भाजपा सरकार की लापरवाही अब बच्चों की जान ले रही है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर तंज करते हुए कहा कि दो वर्ष पूरे होने के बाद भी सरकार यह बताने में व्यस्त है कि मुख्यमंत्री के बंगले में कौन रहता है। जनता को इलाज, इंसाफ़ और सुरक्षा चाहिए, न कि इमारतें और प्रचार।
पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है। जनता अब उम्मीदें छोड़ चुकी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार अब चूहों पर भी नियंत्रण नहीं रख पा रही है? यदि व्यवस्था नहीं संभल सकती, तो सरकार को जवाबदेही तय करनी होगी।