क्या महाराष्ट्र सरकार विधायक रोहित पवार को परेशान कर रही है? : आनंद दुबे

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क्या महाराष्ट्र सरकार विधायक रोहित पवार को परेशान कर रही है? : आनंद दुबे

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में रोहित पवार के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने पर आनंद दुबे ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। जानिए इस विवाद का पूरा सच और सरकार की दोहरी मानसिकता पर उनकी राय।

Key Takeaways

  • रोहित पवार के खिलाफ ईडी का आरोप पत्र
  • सरकार की दोहरी मानसिकता
  • संजय शिरसाट मामले में जांच की कमी
  • रोजगार के झूठे वादे
  • मराठी समुदाय के लिए आरक्षण की मांग

नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करने पर शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा कि महायुति की सरकार निरंतर उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने सरकार के खिलाफ खड़े होने की बात कही। कभी उन्हें नोटिस दिया जाता है, तो कभी ईडी द्वारा आरोप पत्र दायर किया जाता है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि संजय शिरसाट के कमरे से नगदी मिलने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। यह सरकार की दोहरी मानसिकता है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भले ही भाजपा कितना भी दबाव बनाए, हम टूटने वाले नहीं हैं। देखते हैं अंत में जीत किसकी होती है।

संजय शिरसाट मामले में उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक के पास नगदी मिलती है। जनता ने उन्हें प्रतिनिधित्व के लिए चुना है, लेकिन वीडियो में मादक पदार्थ का सेवन दिख रहा है। इसकी कोई जांच नहीं हो रही है। यह दिखाता है कि भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर सब कुछ माफ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उन्होंने मांग की कि वे दोहरी राजनीति न करें।

उन्होंने कहा कि 1960 में जब मुंबई को महाराष्ट्र में मिलाना था तब लाखों मराठी लोगों ने आंदोलन किया था। आज मराठी लोग मुंबई से बाहर रहने के लिए मजबूर हैं। बड़े बिल्डरों द्वारा चल रही पुनर्विकास परियोजनाओं में मराठी लोगों के लिए जगह नहीं है। अंबादास दानवे और आदित्य ठाकरे ने मांग की है कि हर इमारत में कम से कम 20 प्रतिशत घर मराठी समुदाय के लिए आरक्षित होने चाहिए। राज्य सरकार को यह करना चाहिए था।

जन सुरक्षा बिल पर उन्होंने कहा कि बहुमत के जोर पर किसी बिल को पास करना ठीक नहीं है। यदि पक्ष महत्वपूर्ण है, तो विपक्ष भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कैसी सरकार है, जिसमें हमें अभी तक विरोधी पक्ष का नेता नहीं मिला है।

रोजगार मेले के आयोजन पर उन्होंने कहा कि 2014 में इनकी सरकार आई थी। कहा गया था कि हर साल 2 करोड़ नौकरी देंगे। अब तक 22 करोड़ नौकरी मिल जानी चाहिए थी। कब तक सरकार केवल झूठे वादे करेगी?

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों के बीच का संघर्ष कभी-कभी लोकतंत्र को कमजोर कर सकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि जनहित में ऐसी गतिविधियों की निंदा होनी चाहिए, और सभी दलों को सच्चाई और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

रोहित पवार के खिलाफ क्या आरोप हैं?
रोहित पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एमएससीबी घोटाले में पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है।
आनंद दुबे ने सरकार पर क्या आरोप लगाया?
आनंद दुबे ने आरोप लगाया कि सरकार रोहित पवार को परेशान कर रही है और उनकी कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
संजय शिरसाट मामले पर क्या कहा गया?
संजय शिरसाट के मामले में नगदी मिलने पर कोई कार्रवाई न होने को दोहरी मानसिकता बताया गया।
रोजगार मेला कैसे आयोजित किया गया?
आनंद दुबे ने 2014 से अब तक केवल झूठे वादों की बात की है और रोजगार के अवसरों की कमी पर चिंता व्यक्त की है।
क्या महाराष्ट्र में मराठी समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए?
आनंद दुबे ने मांग की है कि हर इमारत में 20 प्रतिशत घर मराठी समुदाय के लिए आरक्षित होने चाहिए।