क्या मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में हार का गुस्सा निकालने का प्रयास कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने खड़गे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को डिलीवरी पर ध्यान देने की सलाह दी।
- रवि किशन ने विपक्ष के लिए ड्रामा थिएटर ग्रुप का सुझाव दिया।
- संसद में हंगामा विपक्ष के हार का गुस्सा हो सकता है।
- जगन्नाथ सरकार ने विपक्षी नेताओं की नीति पर सवाल उठाया।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 'ड्रामेबाज' टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के सांसदों ने यह आरोप लगाया है कि खड़गे स्वयं भी ड्रामा का हिस्सा बन जाते हैं।
सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को सीधे तौर पर कहा कि 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए'। इस संदर्भ में खड़गे ने संसद में सवाल उठाते हुए 'ड्रामेबाज' शब्द का प्रयोग किया।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने खड़गे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे लगता है कि खड़गे केवल अपनी टीम के डायरेक्टर के कहने पर बोलते हैं। इस प्रक्रिया में वह खुद भी ड्रामा का एक किरदार बन जाते हैं।"
भाजपा सांसद रवि किशन ने विपक्ष के लिए ड्रामा थिएटर ग्रुप बनाने का सुझाव देते हुए कहा, "हमने एक ड्रामा थिएटर ग्रुप शुरू किया है। विपक्ष को भी इसमें शामिल होना चाहिए और प्रदर्शन करना चाहिए। मैं उनके लिए एक शानदार नाटक प्रस्तुत करूंगा।"
सांसद रवि किशन ने संसद में विपक्ष के हंगामे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें सदन में हार का गुस्सा नहीं निकालना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान का समर्थन करते हुए भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा, "उन्होंने सही कहा है कि विपक्षी नेता देश के खिलाफ ज्यादा चिल्लाते हैं।" उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की नीति और नीयत स्पष्ट होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि देश के खिलाफ बोलना विपक्ष का तरीका बन गया है। जब वे हारते हैं, तो बिना सबूत के 'वोट चोरी' का आरोप लगाते हैं और चिल्लाते हैं। एसआईआर एक अच्छी चुनावी प्रक्रिया है, जिसे वैधानिक संस्था चुनाव आयोग द्वारा संपन्न कराया जा रहा है। फिर भी वे इसके खिलाफ बोलते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की बात बिल्कुल सही है और विपक्ष को इससे सीख लेना चाहिए।