क्या सीएम ममता घुसपैठियों का समर्थन कर रही हैं, वोट बैंक खिसकने का डर?
सारांश
Key Takeaways
- घुसपैठियों का समर्थन भारतीय नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ है।
- ममता बनर्जी की राजनीतिक रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं।
- एसआईआर प्रक्रिया से घुसपैठियों की वापसी हो रही है।
- भारतीय लोकतंत्र की सुरक्षा और विकास प्राथमिकता है।
- भाजपा का ध्यान केवल भारतीय नागरिकों के विकास पर है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के १२ राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया चल रही है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। इसी संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी लगातार घुसपैठियों का समर्थन कर रही हैं और उन्हें भारत की मतदान प्रणाली में शामिल करने का प्रयास कर रही हैं, जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।
गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत का लोकतंत्र केवल भारतीय नागरिकों के लिए है और इसकी सुरक्षा और विकास प्राथमिकता है। घुसपैठियों को नागरिक अधिकार या किसी भी प्रकार की राजनीतिक भागीदारी देना संविधान और देश के हित के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी, आप कितनी भी कोशिश करें, घुसपैठियों को भारत में मतदान का अधिकार नहीं दिया जाएगा। देश के करदाताओं का पैसा केवल भारतीय नागरिकों के विकास पर खर्च होगा, घुसपैठियों पर नहीं।”
उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में घुसपैठिए अपने देश लौट रहे हैं, जिससे सीएम ममता बनर्जी को अपने वोट बैंक के प्रभावित होने का डर सता रहा है। वल्लभ ने यह भी कहा कि भाजपा का लक्ष्य भारतीय नागरिकों का विकास करना है, जबकि सीएम ममता बनर्जी का ध्यान घुसपैठियों के हितों पर है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के हाल के बयान पर भी वल्लभ ने टिप्पणी की और कहा कि अजय राय जैसे नेता खुद को राम भक्त कैसे कह सकते हैं, जबकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवान श्रीराम को 'काल्पनिक' मानते थे। वल्लभ ने कहा, “क्या ये राम भक्त हैं? ये वही लोग हैं जो श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी शामिल नहीं हुए। इन्होंने मंदिर निर्माण के लिए ११ रुपये का चंदा भी नहीं दिया। ये लोग श्रीराम की विचारधारा के विरोधी हैं और रामराज के सिद्धांतों पर लगातार हमला करते रहते हैं।”