क्या ममता सरकार में ‘मां, माटी, मानुष’ तीनों असुरक्षित हैं? : गृह मंत्री अमित शाह
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने ममता सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
- भाजपा का लक्ष्य 2026 में पश्चिम बंगाल में सरकार बनाना है।
- घुसपैठियों को निकालने का आश्वासन दिया गया।
- भाजपा कार्यकर्ताओं के बलिदानों को याद किया गया।
- टीएमसी के खिलाफ युवा और गरीबों में आक्रोश है।
कोलकाता, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का लक्ष्य स्पष्ट किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2026 विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है।
गृह मंत्री शाह ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस सरकार में ‘मां, माटी, मानुष’ तीनों असुरक्षित हैं। बंगाल में टीएमसी के भ्रष्टाचार, हिंसा, तुष्टीकरण और कुशासन के खिलाफ जनाक्रोश सत्ता परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और संस्कृति पर बोझ हैं, जिन्हें भाजपा सरकार के गठन के बाद एक-एक करके निकाला जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा जनसंपर्क ही बंगाल में भाजपा की प्रचंड जीत का आधार बनेगा। 2016–2025 के बीच बंगाल में 300 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया, जिनके त्याग को सार्थक करने का समय आ गया है। ममता दीदी भाजपा कार्यकर्ताओं पर कितना भी कहर बरपा लें, बंगाल में उनका सूपड़ा साफ होने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में भाजपा सरकार बनने पर केंद्र में आने वाले 25 वर्षों तक भाजपा को कोई हिला नहीं सकता। कम्युनिस्ट और फिर टीएमसी सरकारों ने बंगाल को पीछे धकेला, हमारा उद्देश्य ‘सोनार बांग्ला’ बनाना है। पश्चिम बंगाल में घुसपैठ पूरे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है, जिसे टीएमसी ने तुष्टीकरण की राजनीति के कारण अनदेखा किया। घुसपैठियों को रोकना भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं से लेकर कल्याणकारी योजनाओं तक टीएमसी के भ्रष्टाचार के खिलाफ गरीबों और युवाओं में बहुत आक्रोश है।
इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के नेताओं को अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए राज्य की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के चार संगठनात्मक जिलों के अंतर्गत आने वाली 28 विधानसभा सीटों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
गृह मंत्री शाह ने पश्चिम बंगाल के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन बुधवार को पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में यह निर्देश जारी किया। भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख नेताओं के अलावा, चारों जिलों के जमीनी स्तर के संगठनात्मक नेताओं को भी बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया था।
शहर के भीतर कोलकाता (दक्षिण) और कोलकाता (उत्तर), दक्षिण 24 परगना में जादवपुर और उत्तर 24 परगना में दमदम—ये चार संगठनात्मक जिले हैं। संयोगवश, ये चारों संगठनात्मक जिले चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के अनुरूप भी हैं।