क्या मंदिर-मस्जिद के नाम पर सियासत करना गलत है? नीरज कुमार का बयान
सारांश
Key Takeaways
- बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा ने विवाद को जन्म दिया है।
- नीरज कुमार का कहना है कि यह सियासत का विषय नहीं होना चाहिए।
- जनता के असली मुद्दों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- धार्मिक मुद्दों पर सियासत कर रहे नेताओं पर सवाल उठना चाहिए।
- राजनीतिक दलों को विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पटना, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण करने की घोषणा ने एक बार फिर से वर्षों पुरानी विवादित ढांचे के विवाद को नई हवा दे दी है। भाजपा से लेकर जेडीयू तक सभी राजनीतिक दल इसे सियासत से जोड़कर देख रहे हैं। इस बीच, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा कि इसे बगैर किसी कारण के सियासत का मुद्दा बना दिया गया है। विवादित ढांचे के मामले को न्यायपालिका ने पहले ही सुलझा दिया है। अब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव निकट हैं, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अपनी पुरानी असफलताओं पर चर्चा करने के बजाय केवल शोर मचाने में व्यस्त हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को सीखना है तो बिहार से सीखे। नीतीश कुमार ने कब्रिस्तान और मंदिर दोनों की घेराबंदी की। मंदिर और मस्जिद के नाम पर राजनीति करना अत्यंत गलत है। जो लोग इस तरह की राजनीति करते हैं, वे अक्सर अपने राज्य में विकास के कामों में पीछे रह जाते हैं।
उनका कहना है कि मंदिर और मस्जिद के नाम पर राजनीति करना उन नेताओं की आदत बन गई है जो अपने राज्य के विकास और लोगों की भलाई पर ध्यान नहीं देते। चुनाव के समय इस तरह के मुद्दे उठाकर केवल ध्यान खींचने की कोशिश की जाती है। जनता के लिए यह वास्तव में कोई मदद नहीं करता।
उन्होंने कहा कि जनता को असली मुद्दों से मतलब है, जैसे कि उनकी जिंदगी बेहतर हो, उनके बच्चे सुरक्षित हों, रोजगार मिले, और लोग बिना डर के अपनी इबादत कर सकें। ऐसे में मंदिर-मस्जिद के नाम पर बयानबाजी करना केवल हंगामा पैदा करने जैसा है।
यह उल्लेखनीय है कि विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के नाम से एक मस्जिद बनवाने की घोषणा की है। शनिवार को इसका शिलान्यास किया गया। हालांकि, विभिन्न राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाबरी मस्जिद के नाम से मस्जिद बनवाना उचित नहीं है। इससे लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।