क्या मातम मनाने से कुछ हासिल होगा? <b>दिलीप घोष</b> का स्पष्ट बयान
सारांश
Key Takeaways
- दिलीप घोष का स्पष्ट बयान कि 'बाबरी मस्जिद' कभी नहीं बनेगी।
- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण घटना है।
- राजनीतिक संदर्भ में मातम मनाना बेकार है।
- सामूहिक गीता पाठ का आयोजन बंगाल में हो रहा है।
- राजनीति में नई पार्टी बनाने की सलाह।
पश्चिम मेदिनीपुर, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' के निर्माण की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत में 'बाबरी मस्जिद' कभी नहीं बनेगी। दिलीप घोष ने यह भी कहा कि अयोध्या में गिराए गए ढांचे पर मातम मनाना बेकार है, क्योंकि लंबे आंदोलन और बलिदानों के बाद अब उस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण हुआ है, जिसे पूरे देश का समर्थन मिला है।
भाजपा नेता ने कहा, "भारत में बाबरी मस्जिद कभी नहीं बनेगी। और विवादित ढांचे के लिए जो मातम मनाया जा रहा है, उससे कोई फायदा नहीं होगा। लंबे आंदोलन और विवादित ढांचे के लिए दी गई कुर्बानियों के बाद अयोध्या में वहां राम मंदिर खड़ा है। पूरे देश के लोग इसका समर्थन करते हैं और कोर्ट ने भी अपना फैसला दिया।"
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से देशवासी खुश हैं, लेकिन कुछ लोगों की आदत नहीं बदली है। वे अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। ममता बनर्जी की भी यह आदत है।
टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर दिलीप घोष ने कहा, "आरएसएस, ममता बनर्जी को क्यों लेगा? उनमें ऐसी क्या काबिलियत है? अगर वह राइट-विंग पॉलिटिक्स करना चाहती हैं, तो उन्हें एक नई पार्टी बनानी चाहिए और अपनी ताकत दिखानी चाहिए।"
दिलीप घोष ने आगे कहा कि हुमायूं कबीर को ममता बनर्जी के साथ लड़ना है और राजनीति करनी है तो नई पार्टी बनाकर दमखम दिखाएं, वही ठीक होगा।
भाजपा नेता ने बंगाल में अलग-अलग जगह गीता पाठ के आयोजन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, "तीन साल से सामूहिक गीता पाठ का आयोजन बंगाल में हो रहा है। शुरुआत में कोलकाता में आयोजन हुआ, जिसमें तकरीबन एक लाख लोग आए। पिछले साल सिलीगुड़ी में आयोजन हुआ। इस बार 5 लाख लोग एक साथ गीता पाठ करेंगे। इस आयोजन का नेतृत्व साधु संत कर रहे हैं।"