क्या मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध करने वालों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा?
सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य फर्जी मतदाताओं की पहचान करना है।
- मुख्तार अब्बास नकवी ने विरोधियों पर कोई मुद्दा न होने का आरोप लगाया।
- कोई भी वैध मतदाता प्रभावित नहीं होगा।
- सभी राजनीतिक दलों को वंदे मातरम् का सम्मान करना चाहिए।
- कांग्रेस पर सुधार के खिलाफ खड़े होने का आरोप।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब विरोधियों के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है, इसलिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध किया जा रहा है, जिसे अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत केवल फर्जी मतदाताओं की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके अलावा, किसी भी वैध मतदाताओं के मताधिकार पर कोई आंच नहीं आएगी। उनके हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसे में एसआईआर की प्रक्रिया से किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का विरोध कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो हमेशा सुधारात्मक कदमों का विरोध करते आए हैं। लेकिन अब ऐसे व्यक्तियों को मौजूदा राजनीतिक स्थिति में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध करने वालों के पास वर्तमान में कोई ठोस मुद्दा नहीं है। इसलिए ये लोग अब कोई भी कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। ये लोग राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होने के कारण एसआईआर की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, जिसका अब कोई औचित्य नहीं है।
'संचार साथी' पर चल रहे विवाद पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सुधार का विरोध करती आई है। सच्चाई यह है कि हमारी सरकार हमेशा सुरक्षा और निजता का ध्यान रखती है। कांग्रेस को गोपनीयता और निजता जैसे मुद्दों पर कोई बयान नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह वही कांग्रेस है जिसने अपने गृह मंत्री की भी जासूसी कराई थी।
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के विवाद पर भाजपा नेता ने कहा कि विदेशी आक्रांता अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं। ऐसी स्थिति में अगर बाबर के पूर्वज भी कब्र से बाहर आ जाएं, तो भी वे बाबरी मस्जिद का निर्माण नहीं करवा सकते, क्योंकि विदेशी आक्रमणकारियों का कलंक अब मिट चुका है।
उन्होंने वंदे मातरम् को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र की गरिमा का प्रतीक है, जिसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता। इसका एक गौरवशाली इतिहास है। देश के सभी राजनीतिक दलों को इसे गर्व के दृष्टिकोण से देखना चाहिए।