क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 33 प्रतिशत आरक्षण देकर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई? - हेमंत खण्डेलवाल

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 33 प्रतिशत आरक्षण देकर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई? - हेमंत खण्डेलवाल

सारांश

क्या प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं की राजनीति में भागीदारी को बढ़ाने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लिया? हेमंत खण्डेलवाल का कहना है कि इससे महिलाओं की राजनीतिक समझ और सक्रियता में वृद्धि हुई है। जानिए इस विषय पर उनके विचार और भाजपा की महिलाओं की भूमिका।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लिया है।
  • महिलाएं अब अपने मतदान के निर्णय स्वयं ले रही हैं।
  • भाजपा ने महिलाओं को नेतृत्व देने के अवसर प्रदान किए हैं।
  • महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ रही है।
  • मतदाता सूची के शुद्धिकरण का कार्य एसआईआर के माध्यम से चल रहा है।

भोपाल, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लेकर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी परांजपे के पदभार ग्रहण समारोह में खंडेलवाल ने महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक समझ का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं अब जागरूक हो चुकी हैं और वे समझती हैं कि लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए। महिलाएं अब अपने मतदान के निर्णय खुद लेती हैं। वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हाल ही में बिहार में संपन्न विधानसभा चुनाव में, महिलाओं ने भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा की कार्यकर्ता पार्टी की सभी संगठनात्मक गतिविधियों को सक्रियता प्रदान कर रही हैं। महिला मोर्चा का अस्तित्व जनसंघ के समय से है, लेकिन महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बहुत कम थी। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाकर उन्हें नेतृत्व करने का अधिकार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बना कर राजनीति में देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का एक ऐतिहासिक कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद महिलाएं मतदान के निर्णय में बहुत कम भूमिका निभाती थीं। लेकिन अब महिलाएं यह अच्छी तरह जानती हैं कि लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खण्डेलवाल ने मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियान एसआईआर के बारे में कहा कि इस समय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। यह कार्य चुनाव आयोग हर 20-25 वर्ष में करता है। एसआईआर के कार्यों में सभी कार्यकर्ताओं का सहयोग जितना अधिक होगा, आगामी चुनाव में पार्टी की जीत उतनी ही आसान होगी। एसआईआर प्रक्रिया में एक भी सही मतदाता छूटने न पाए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है।

वहीं, भाजपा महिला मोर्चा की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी परांजपे ने पदभार संभालने के बाद कहा कि एसआईआर का कार्य भारत माता की पूजा करने के समान है। मध्य प्रदेश में इस समय एसआईआर का कार्य चल रहा है। महिला मोर्चा की सभी कार्यकर्ताओं को एसआईआर के कार्य में सहयोग करना चाहिए, ताकि एक भी सही मतदाता वंचित न रह सके। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने महिलाओं को सम्मान देने के साथ-साथ नेतृत्व करने के अवसर भी प्रदान किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण कानून बनाकर सभी महिलाओं को एक बड़ा अवसर दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल चुनावी प्रक्रिया में बल्कि समाज में भी बदलाव लाएगा। यह एक सकारात्मक संकेत है कि महिलाएं अब लोकतंत्र में अपनी आवाज उठाने के लिए जागरूक हो रही हैं।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या 33 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय सभी महिलाओं के लिए है?
हाँ, यह निर्णय सभी महिलाओं के लिए है, जिससे उन्हें राजनीति में भागीदारी का अवसर मिलेगा।
महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?
महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी से समाज में संतुलन और विविधता बढ़ती है, जो लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।
क्या यह आरक्षण केवल भाजपा के लिए है?
नहीं, यह आरक्षण सभी राजनीतिक दलों के लिए है, जिससे सभी पार्टियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक समझ का क्या असर होगा?
महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक समझ से चुनावी नतीजों में बदलाव आ सकता है और यह लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करेगा।
इस अभियान का नाम क्या है?
इस अभियान का नाम एसआईआर है, जो मतदाता सूची के शुद्धिकरण से संबंधित है।
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