क्या मल्टी-डोमेन युद्ध में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के तालमेल से मिलेगी रणनीतिक बढ़त?
सारांश
Key Takeaways
- आधुनिक युद्ध अब मल्टी-डोमेन पर आधारित हैं।
- आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का तालमेल आवश्यक है।
- आईएनएस माहे तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
- भारतीय नौसेना 75% पूंजी स्वदेशी स्रोतों से प्राप्त कर रही है।
- जनरल द्विवेदी ने संयुक्तता पर बल दिया।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल द्विवेदी ने बताया कि आधुनिक युद्ध अब मल्टी-डोमेन, हाइब्रिड और संयुक्त कार्रवाई पर निर्भर करते हैं। इसलिए आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का समन्वय भारत की सामरिक बढ़त का निर्धारण करेगा।
जनरल द्विवेदी ने सोमवार को पश्चिमी नौसैनिक कमान में भारतीय नौसेना के नवीनतम युद्धपोत आईएनएस माहे को शामिल करते हुए इस बात पर जोर दिया कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भूमि, समुद्र और आकाश ये तीनों सुरक्षा के निरंतर आयाम हैं। भारतीय सेना की ‘दशक ऑफ ट्रांसफॉरमेशन’ पहल में संयुक्तता एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने मानवीय सहायता मिशनों, अम्फीबियस ऑपरेशन्स और वैश्विक मंचों पर नौसेना की भूमिका को स्मार्ट डिप्लोमेसी का उदाहरण बताते हुए सराहना की।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हम लद्दाख से लेकर हिंद महासागर तक, सूचना युद्ध से लेकर संयुक्त लॉजिस्टिक्स तक हर क्षेत्र में संचालन कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उपयुक्त उदाहरण है, जिसने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को प्रदर्शित किया।
यह ध्यान देने योग्य है कि आईएनएस माहे का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है। यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए पहला युद्धपोत है। इसके शामिल होने से तटीय सुरक्षा और पनडुब्बी-रोधी निगरानी में वृद्धि होगी।
समारोह में जनरल द्विवेदी मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर कई वरिष्ठ नौसेना अधिकारी और कोचीन शिपयार्ड के सीएमडी भी उपस्थित थे।
आईएनएस माहे का निर्माण स्वदेशी तकनीक से किया गया है और यह पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता में अत्यंत प्रभावी है। इसके शामिल होने से भारतीय नौसेना की तटवर्ती सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने आईएनएस माहे की टीम को उत्कृष्ट समारोह के लिए सराहा और कहा कि यह क्षण पूरे राष्ट्र के लिए गर्व का है।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना 75 प्रतिशत से अधिक पूंजीगत प्लेटफॉर्म स्वदेशी स्रोतों से प्राप्त कर रही है। उन्होंने कोचीन शिपयार्ड की गुणवत्ता की प्रशंसा की।
आईएनएस माहे के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज से इस जहाज की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। उरुमी के प्रतीक को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अनुशासन और साहस बनाए रखने की प्रेरणा दी।
जनरल द्विवेदी ने आईएनएस माहे को राष्ट्र की आशा और विश्वास का प्रतीक बताया। उन्होंने सभी को इसकी सुरक्षित यात्राओं की शुभकामनाएँ दीं।
इसके साथ ही नौसैनिक बैंड की धुनों के साथ आईएनएस माहे आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हो गया, जो आगामी वर्षों में तटीय सुरक्षा को नई ऊंचाई देगा।