क्या नौकरीपेशा महिलाओं को पीरियड लीव देने का फैसला सही है? : शोभा करंदलाजे

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के लिए पेड लीव एक सकारात्मक कदम है।
- नियमों का सही पालन आवश्यक है।
- सरकार को घोषणाओं पर नहीं, असली काम पर ध्यान देना चाहिए।
- राज्य में विकास की आवश्यकता है।
- बुनियादी सुविधाओं का होना महत्वपूर्ण है।
बेंगलुरु, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मासिक स्राव के दौरान महिला कर्मचारियों को एक दिन की पेड लीव के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने इसे एक सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इसकी पूर्ण प्रशंसा होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि नियम केवल कागजों पर न रहें, बल्कि इसका सही तरीके से पालन किया जाए, विशेषकर गारमेंट सेक्टर जैसी जगहों पर, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं। सभी क्षेत्रों में यह नियम लागू होना बेहद आवश्यक है।
शोभा करंदलाजे ने यह भी कहा कि सिद्धरामय्या सरकार घोषणाएं तो करती है, लेकिन उन्हें लागू करना भी उतना ही आवश्यक है। यदि घोषणाएं केवल घोषणाओं तक सीमित रहेंगी, तो आम जनता को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को भी सरकार को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।
मुख्यमंत्री के डिनर पार्टी और कैबिनेट में परिवर्तनों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार के अपने ही एमएलए संतुष्ट नहीं हैं। वे इधर-उधर भटक रहे हैं और इसी कारण से बदलाव किए जा रहे हैं। उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि राज्य में विकास का कार्य होना चाहिए। लेकिन विकास का कार्य सही तरीके से नहीं हो रहा है।
उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़कें भी पूरी तरह से मौजूद नहीं हैं। यदि सड़कें नहीं होंगी, तो निवेशक कैसे आएंगे? उन्होंने कहा कि केवल गैरंटी और दिखावे के नाम पर पैसा खर्च किया जा रहा है, जिससे असली विकास रुक गया है। यह स्थिति राज्य के लिए हानिकारक है और ऐसी सरकार के कारण कर्नाटक में विकास सही दिशा में नहीं हो रहा।
शोभा करंदलाजे ने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या हों या डीके शिवकुमार, मुख्य बात यह है कि राज्य में विकास होना चाहिए। सरकार को घोषणाओं पर नहीं, बल्कि वास्तविक कार्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नियमों और निर्णयों का सही तरीके से पालन होना आवश्यक है ताकि आम जनता को लाभ मिल सके।