क्या निर्यात से मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ेगी? : विश्वास सारंग

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की आमदनी में वृद्धि
- निर्यात के अवसर
- सहकारिता आंदोलन का महत्व
- मुख्य कृषि उत्पादों का चिह्नन
- मसालों और हैंडीक्राफ्ट का निर्यात
भोपाल, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड के साथ मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ एवं मंडी बोर्ड के बीच हुए करार से किसानों को निर्यात का अवसर मिलेगा और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
राज्य की राजधानी भोपाल में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत मसालों और हैंडीक्राफ्ट के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड, नई दिल्ली के साथ मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ एवं मंडी बोर्ड के बीच एमओयू हुआ।
सहकारिता मंत्री सारंग ने कहा कि एनसीईएल के साथ एमओयू के माध्यम से प्रदेश के किसानों को निर्यात से लाभ मिलेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
आगामी योजनाओं की चर्चा करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि प्रदेश के मुख्य कृषि उत्पादों को चिह्नित करेंगे और उनके आधार पर निर्यात करेंगे।
भोपाल में आयोजित कार्यशाला का जिक्र करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि यह कार्यशाला प्रदेश के विभिन्न उत्पादों, विशेष रूप से मसालों एवं हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। कार्यशाला में ‘मध्य प्रदेश के किसानों को निर्यात के लिए सक्षम बनाना’ विषयक संयुक्त उत्पाद संगोष्ठी हो रही है। कार्यशाला में प्रदेश भर से लघु एवं मध्यम स्तर के मिर्च, धनिया, लहसुन आदि मसाला उत्पादक किसान, सहकारी समितियां तथा अन्य उत्पादक समूह शामिल हो रहे हैं।
मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सहकारिता आंदोलन के इतिहास में आज महत्वपूर्ण कड़ी की शुरुआत हो रही है। सहकारिता में सुव्यवस्थित संचालन आवश्यक है; इसके जरिए ही हम समाज में नए विकास और कल्याण को आगे बढ़ा सकते हैं। उनका मानना है कि बिना सहकारिता के विकास को आगे बढ़ाना कठिन है।
विकसित भारत की चर्चा करते हुए विश्वास सारंग ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए सहकारी आंदोलन को तेज करना चाहिए। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को पहला केंद्रीय सहकारिता मंत्री बनाया गया और एनसीईएल की सदस्यता सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश ने ली। कई क्षेत्रों में हम उत्पादन में लीड करते हैं। खेत के साथ हम वन संपदा में भी आगे हैं।
कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा है कि पहले कृषि और सहकारिता एक थे, लेकिन अब अलग-अलग हैं। हम भले ही अलग हैं, लेकिन दिल एक है।