क्या नितेश राणे समाज में विभाजन उत्पन्न करने के लिए गलत बयान दे रहे हैं? : शशिकांत शिंदे

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क्या नितेश राणे समाज में विभाजन उत्पन्न करने के लिए गलत बयान दे रहे हैं? : शशिकांत शिंदे

सारांश

क्या नितेश राणे के बयान से समाज में विभाजन हो रहा है? शशिकांत शिंदे ने उनकी आलोचना की। जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य।

Key Takeaways

  • भाषा विवाद महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहा है।
  • नितेश राणे के बयान की राजनीतिक प्रतिक्रिया गंभीर है।
  • शशिकांत शिंदे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

मुंबई, १६ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद कम होते नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने कहा है कि मदरसों में उर्दू के स्थान पर मराठी पढ़ाई जानी चाहिए। उनके इस बयान की एनसीपी (एसपी) ने कड़ी आलोचना की है। महाराष्ट्र के एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि नितेश राणे समाज में विभाजन उत्पन्न करने के लिए गलत बयान देते हैं।

शशिकांत शिंदे ने नितेश राणे के बयान पर राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "यह गृह मंत्रालय का कार्य है, और अगर किसी मंत्री को कुछ कहना है, तो उसे कैबिनेट या मंत्रिस्तरीय मंचों पर चर्चा करनी चाहिए, न कि सार्वजनिक तौर पर बयान देकर। उनका यह बयान गलत है, वे समाज में विभाजन पैदा कर सत्ता में बने रहना चाहते हैं। ऐसे बयानों से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन समाज में दूरियां बढ़ती हैं और इसके परिणाम सही नहीं होते हैं।"

शशिकांत शिंदे ने महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार है और उन्हें कानून-व्यवस्था को गंभीरता से लेना चाहिए।"

वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता इदरीस नाइकवाड़ी ने नितेश राणे के बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि वह अपनी जिम्मेदारी समझते हैं या नहीं, लेकिन ऐसे बयान जिम्मेदारी की भावना से दिए जाने चाहिए। महाराष्ट्र में अब तक कोई ऐसा मदरसा नहीं मिला है कि वहां से बम या कोई घातक चीजें मिली हों। अगर ऐसा कुछ होता तो कहा जा सकता था कि हमें अलर्ट रहना चाहिए। मुझे लगता है कि अल्पसंख्यकों को बदनाम करने का एक मिशन चलाया जा रहा है।"

Point of View

यह कहना उचित है कि नितेश राणे का बयान महज एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि समाज में विभाजन की ओर ले जाने वाली एक गंभीर समस्या है। हमें यह समझना होगा कि इस तरह की टिप्पणियों से समाज में विभाजन और असहमति की भावनाएं बढ़ सकती हैं, जिसका समाधान संवाद और सहिष्णुता में है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

नितेश राणे का विवादास्पद बयान क्या है?
उन्होंने कहा है कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए।
शशिकांत शिंदे ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने कहा कि नितेश राणे समाज में विभाजन पैदा करने के लिए गलत बयान देते हैं।
क्या इस बयान का किसी पर असर पड़ा है?
इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और कई नेताओं ने इसकी आलोचना की है।