क्या नीतीश कुमार को बुर्का खींचने के लिए माफी मांगनी चाहिए: मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का बुर्का खींचना विवाद का कारण बना।
- मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कड़ी निंदा की।
- महिलाओं के प्रति सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- संविधान का अधिकार सभी को समानता का अधिकार देता है।
- सामाजिक संवेदनशीलता पर विचार की आवश्यकता है।
लखनऊ, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और ईदगाह के शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के बुर्के को खींचने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मंगलवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं के साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया है, उससे उनकी धार्मिक भावनाओं को गंभीर ठेस पहुंची है। यह बेहद अफसोस की बात है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने इस तरह का आचरण किया।
उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई मुख्यमंत्री इस तरह का व्यवहार करेगा, तो इससे आम जनता के बीच में एक गलत संदेश जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री को अपनी इस हरकत के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस प्रकार का व्यवहार किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह से अनुचित और अशोभनीय है।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यह दुखद है कि एक मुख्यमंत्री ने इस प्रकार का व्यवहार किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान महिला का बुर्का उठाने का प्रयास किया। एक सभ्य समाज में इस प्रकार का आचरण पूरी तरह से गलत है और इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।
अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी मुख्यमंत्री के इस व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का यह आचरण गलत है। हर व्यक्ति को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है, जो हमें संविधान द्वारा मिला है। आखिर नीतीश कुमार कौन होते हैं कि वे किसी बुर्कानशीं महिला का नकाब उठाएं।
उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी इस हरकत के लिए पूरे समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। हम सभी उनके इस व्यवहार से नाखुश हैं।
मौलाना ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार के मुस्लिमों ने सीएम नीतीश कुमार का पूरा समर्थन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नारी सशक्तीकरण की बात करते हैं। नीतीश कुमार का मुस्लिम महिलाओं के प्रति यह व्यवहार पूरी तरह से गलत है।