क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे? शांभवी का तेजस्वी यादव पर जवाब
सारांश
Key Takeaways
- शांभवी चौधरी ने तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- नीतीश कुमार की स्थिरता पर जनता का विश्वास बना हुआ है।
- बिहार में एनडीए की सरकार बनने की उम्मीद है।
- महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का महत्व बढ़ा है।
- चुनाव में वोट महत्वपूर्ण हो गए हैं।
पटना, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोजपा (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि १८ नवंबर को वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
शांभवी चौधरी ने कहा कि सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सीएम बनने का सपना देखना उचित नहीं है, क्योंकि बिहार की जनता ने अगले पाँच साल के लिए फिर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प किया है और उन्होंने इस पर मतदान कर अपनी बात स्पष्ट की है।
उन्होंने कहा कि जब शपथ लेने की बात होती है, अब परिणाम आने में अधिक समय नहीं बचा है, इसलिए १४ नवंबर को पूरा देश देखेगा कि कौन सरकार बनाएगा।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए शांभवी चौधरी ने कहा कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार पुनः मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
शांभवी ने नीतीश कुमार के लिए लगाए गए 'टाइगर जिंदा है' के पोस्टर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जदयू के कार्यकर्ताओं की भावना है। लेकिन यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार आज भी बिहार की जनता के दिलों में बसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार २००५ में जितने मजबूत थे, आज भी उतनी ही सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं। जनता में उनके प्रति विश्वास बना हुआ है और वे लगातार लोगों से मिलते हैं। यह साफ है कि दिलों में नीतीश कुमार का स्थान है। महिलाओं को जो प्रतिनिधित्व दिया गया है, वह बिहार की बदलती तस्वीर को दर्शाता है। महिलाएं अब सुरक्षित महसूस कर रही हैं।
शांभवी ने कहा कि अब बिहार में बूथ लूटने का समय खत्म हो चुका है, अब वोट से चुनाव जीते जाते हैं। रैलियों की संख्या से कोई फर्क नहीं पड़ता। तेजस्वी यादव चुनाव के समय ही दिखाई देते हैं। एनडीए के नेता पीएम मोदी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान लगातार मेहनत कर रहे हैं। एनडीए हमेशा जनता के बीच में है।
उन्होंने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब केवल २४ घंटे बचे हैं, देखते हैं कि कौन शपथ लेगा।