क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' को बीच में रोकने का कारण दबाव था? अखिलेश यादव का सवाल

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना की वीरता और कार्यक्षमता पर गर्व।
- सीजफायर के पीछे के कारणों पर सवाल।
- पहलगाम हमले को इंटेलिजेंस फेलियर का परिणाम।
- सरकार से सुरक्षा उपायों के बारे में सवाल।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को सदन में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा की। उन्होंने भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया।
अखिलेश यादव ने कहा, "हमारी सेना दुनिया की साहसी फौजों में सबसे आगे है। हमें उनके पराक्रम, वीरता और शौर्य पर गर्व है। सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के एयरबेस को भी ध्वस्त किया।"
उन्होंने 'संघर्ष विराम' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "जब हमारी सेना पाकिस्तान को एक स्थायी सबक सिखा सकती थी, तो सरकार ने सीजफायर क्यों स्वीकार किया? क्या सरकार किसी दबाव में थी?"
अखिलेश यादव ने पहलगाम में हुए हमले को 'इंटेलिजेंस फेलियर' का परिणाम बताया। उन्होंने सवाल किया, "सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? जब पहलगाम में पर्यटक थे, तब वहां कोई सुरक्षा बल क्यों नहीं था?"
उन्होंने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया और कहा कि यह भी 'इंटेलिजेंस फेलियर' के कारण हुआ था। यह मुद्दा पक्ष विपक्ष का नहीं, देश की सुरक्षा और जनता के जीवन का है। पहलगाम की घटना ने दिखा दिया है कि लापरवाही देशवासियों की जान ले सकती है।
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से पूछा कि भविष्य में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने सदन में यह बात रखी कि क्यों ऐसी रणनीति नहीं बनाई जाती, जिससे सीमा हमेशा शांत रहे।