क्या पहले विदेशी मेहमानों से मिलने के लिए विपक्ष के नेताओं को बुलाया जाता था? : अजय राय
सारांश
Key Takeaways
- अजय राय का केंद्र सरकार पर हमला
- विदेशी मेहमानों से मिलने की परंपरा का अंत
- राजनीतिक एकजुटता की आवश्यकता
- कांग्रेस में आंतरिक असहमति के संकेत
- देश की समस्याओं पर एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब-जब भारत में विदेशी मेहमान आते थे, विपक्ष के नेताओं को मिलने के लिए आमंत्रित किया जाता था। लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसा नहीं हो रहा है।
उनका यह बयान उस समय आया जब राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में कांग्रेस सांसद शशि थरूर शामिल हुए। इस डिनर से विपक्ष के कई अन्य नेता दूर रहे। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस में विदेश नीति को लेकर कोई आंतरिक असहमति है।
इस मुद्दे पर अजय राय ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पहले राहुल गांधी ने कहा था कि विदेशियों से मिलने के लिए विपक्ष के नेताओं को बुलाया जाता था, लेकिन उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। वे निश्चित रूप से जाना चाहते थे। यह किस तरह की सोच है? मनमोहन सिंह के समय में विपक्ष के नेताओं को बुलाया जाता था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी ऐसा ही होता था।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुतिन को गीता भेंट करने के बारे में अजय राय ने कहा कि हम अपनी धरती पर आने वाले सभी डेलीगेशन का स्वागत करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं।
नेशनल हेराल्ड केस में डी.के. शिवकुमार को नोटिस जारी होने पर अजय राय ने कहा, "यह लोगों को परेशान करने का एक तरीका है। जो लोग देश के हित में मजबूती से बोलते हैं, उन्हें भाजपा के सदस्य निशाना बनाते हैं।"
टीएमसी नेता हुमायूं कबीर के बयान पर उन्होंने कहा कि इस समय देश को एक साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। लोगों को शिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए।