क्या प्रधानमंत्री को लेकर अशोभनीय नारे लगाना नामदारों की झुंझलाहट है?: जेपी नड्डा
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री के खिलाफ अशोभनीय नारे की निंदा
- जेपी नड्डा की कड़ी प्रतिक्रिया
- सदन में हंगामा और कार्यवाही स्थगन
- कांग्रेस की सोच पर सवाल
- राजनीति का स्तर गिरने का मुद्दा
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) - सोमवार को राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला और सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही समय बाद इसे स्थगित करना पड़ा। दरअसल, रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की एक रैली आयोजित की गई थी। सोमवार को राज्यसभा में इस रैली का जिक्र करते हुए नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि रैली में प्रधानमंत्री के खिलाफ अशोभनीय और निंदनीय नारे लगाए गए।
उन्होंने सदन में कहा कि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त हंगामा मच गया और कुछ ही देर बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली का आयोजन किया था, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जैसे कई नेता शामिल हुए थे। जेपी नड्डा ने कहा कि इस रैली में प्रधानमंत्री के लिए निंदनीय नारे लगाए गए, जिनमें उनकी मृत्यु की कामना की गई। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की रैली में ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी’ जैसे नारे लगाए गए हैं।”
जेपी नड्डा के इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह रैली सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं है और इस पर बोलना नियमों के खिलाफ है।
वहीं, जेपी नड्डा ने कहा, "मैं बेहद दुख और उद्वेलित मन से इस विषय को सदन के सामने लाना चाहता हूं। कल कांग्रेस पार्टी की जो रैली हुई है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अशोभनीय नारे लगे।" उन्होंने कहा कि इस प्रकार के नारे कांग्रेस पार्टी की सोच और मानसिकता को प्रदर्शित करते हैं, जो नामदारों की झुंझलाहट को स्पष्ट रूप से दिखाते हैं।
नड्डा ने कहा कि इस तरह प्रधानमंत्री के खिलाफ बातें करना बेहद निंदनीय है और इसके लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस बीच सदन में फिर से हंगामा शुरू हो गया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है कि वह कल्पना से भी परे है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।"