क्या भारत-रूस के संबंध और मजबूत होंगे? राष्ट्रपति पुतिन के दौरे पर बिहार के मंत्रियों की राय

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क्या भारत-रूस के संबंध और मजबूत होंगे? राष्ट्रपति पुतिन के दौरे पर बिहार के मंत्रियों की राय

सारांश

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक है। बिहार के मंत्रियों का मानना है कि इससे भारत-रूस संबंध मजबूत होंगे, साथ ही कई महत्वपूर्ण डील्स पर सहमति बनने की उम्मीद है। क्या यह दौरा भारत के लिए नए अवसर लाएगा? जानिए बिहार मंत्रियों की राय।

Key Takeaways

  • पुतिन का दौरा भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करेगा।
  • मंत्रियों ने आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद जताई।
  • दोनों देशों के बीच कई बड़ी डील्स होने की संभावना है।
  • रूस और भारत के बीच व्यापारिक संबंध को और बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • रूस एक पारंपरिक मित्र के रूप में भारत के साथ खड़ा है।

पटना, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार सरकार के मंत्रियों का मानना है कि इस यात्रा से भारत-रूस के संबंध और भी मजबूत होंगे। इसके साथ ही, मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण सहमति पत्रों पर सहमति बनने की उम्मीद जताई।

बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत और रूस का रिश्ता बहुत पुराना है। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति पुतिन के इस दौरे से यह संबंध और अधिक मजबूत होगा।

संतोष कुमार सुमन, बिहार सरकार के मंत्री ने कहा, "भारत और रूस के बीच हमेशा से अच्छे रिश्ते रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन के दौरे से निश्चित रूप से एक बड़ी डील होगी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। उनके दौरे से भारत को ही लाभ होगा। आने वाले समय में यह नए भारत के निर्माण में मददगार साबित होगा।"

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "यह एक सकारात्मक बात है कि रूसी राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं। हमारे रूस के साथ लंबे समय से रिश्ते हैं और व्यापारिक डील्स चल रही हैं। हमें उनके साथ संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता है और इस क्षेत्र में अपने व्यापार को बढ़ाना चाहिए। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।"

इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उन दावों पर भी मंत्री अशोक चौधरी ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें विदेशी प्रतिनिधिमंडल से मिलने नहीं दिया जाता। अशोक चौधरी ने कहा, "अगर कोई विदेशी मेहमान से मिलना चाहता है, तो उसे कौन रोक सकता है? अब, अगर कोई उनसे मिलना ही नहीं चाहता, तो क्या किया जा सकता है?"

वहीं, जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, "रूस, भारत का सबसे विश्वसनीय पारंपरिक मित्र रहा है। उन्होंने 1971 की लड़ाई में हमारी मदद की थी, जिससे बांग्लादेश बना। मैं राष्ट्रपति पुतिन के दौरे का स्वागत करता हूं।"

Point of View

जो कि राष्ट्रीय हितों के लिए लाभकारी होगी।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

पुतिन का दौरा क्यों महत्वपूर्ण है?
रूस के राष्ट्रपति का दौरा भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है और इससे कई व्यापारिक डील्स पर सहमति बन सकती है।
भारत-रूस संबंधों का इतिहास क्या है?
भारत और रूस के बीच रिश्ता काफी पुराना और मजबूत रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सहयोग और साझेदारियां शामिल हैं।
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