क्या पुतिन 75 व्यापारियों के साथ आते हैं और हमारे नेता अकेले घूमने जाते हैं? कांग्रेस नेता उदित राज
सारांश
Key Takeaways
- उदित राज ने विदेश नीति पर सवाल उठाए।
- पीएम मोदी की विदेश यात्राएँ विवाद का विषय बनी हैं।
- पुतिन के साथ व्यापारिक समझौतों की चर्चा हुई।
- विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वे विदेशी मेहमानों से मुलाकात नहीं करवा रहे।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यशैली की तुलना करते हुए विदेश नीति और व्यापारिक समझौतों पर गंभीर प्रश्न उठाए।
कांग्रेस नेता उदित राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "क्या देश प्रेम यही है? व्लादिमीर पुतिन के साथ 75 व्यापारी, 7 मंत्री और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ आए और कई क्षेत्रों में दर्जनों समझौतें हुए। वे यहाँ से बहुत कुछ लेकर गए और हमारे नेता अकेले और एक निजी टीवी एजेंसी के साथ जाते हैं। टैक्सपेयर्स के पैसे से भीड़ इकट्ठा करने के लिए लोग पहले चले जाते हैं और एयरपोर्ट पर ही जयकारा लगने लगता है। जिन वीआईपी से मिलते हैं, उनकी फोटो और म्यूटेड वीडियो भारत में समाचार पत्रों और टीवी में छपने लगते हैं। गले मिलने, हंसने-हंसने के वीडियो और फोटो से भारतीय मीडिया भर जाती है। 8000 करोड़ के जहाज में सारी सुविधाएँ हैं और जहाँ ठहरते हैं, वो बेहद महंगा होता है। कुछ नहीं पता कि क्या लिया और क्या दिया?"
उदित राज ने सवाल उठाया कि जब नीयत सिर्फ सैर-सपाटे और विदेश से भारत के वोटरों को प्रभावित करने की हो, तो वे देश के लिए क्या कर पाएंगे? जब खुद की कुर्सी बचाना ही प्राथमिकता हो, तो विदेश नीति और आयात-निर्यात का तो सत्यानाश होना तय है।
उन्होंने यह भी लिखा, पीएम मोदी ने कहा था कि 2035 में देश को मैकालेवाद से मुक्त कर देंगे। मैकाले का सबसे बड़ा योगदान अंग्रेजी माध्यम से भारत में शिक्षा लागू करना है। आज से ही भाजपा और आरएसएस अपने बच्चों को संस्कृत या हिंदी माध्यम से पढ़ाना प्रारंभ करें। भाजपा नेताओं के जो बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं, उन्हें तुरंत वापस बुलाकर वैदिक शिक्षा देना शुरू करें। अंग्रेजी के सभी पब्लिक स्कूल और संस्थाएं इनसे खाली हो जाएँगी और उनके स्थान पर दलित, पिछड़े और आदिवासी बच्चों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। मोदी जी अपने लोगों को मैकाले की नीति से जल्द मुक्त कराएँ, हम आपके आभारी होंगे।
वास्तव में, हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की दो दिवसीय यात्रा पर थे। इस दौरान उनके साथ एक बड़ी डेलिगेशन भी मौजूद थी। पुतिन के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा और व्यापारिक सहित कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए।
हालांकि, इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को जानबूझकर विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया गया। विपक्ष का कहना है कि देश में परंपरा रही है कि भारत आने वाले विदेशी मेहमानों से विपक्ष की मुलाकात होती है, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा है।