क्या राहुल गांधी के संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप निराधार और निरर्थक हैं?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोपों को निराधार मानते हुए संजय सेठ ने उन्हें मानसिक दिवालियापन कहा।
- जनता ने राहुल गांधी को किनारा कर दिया है।
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है।
- भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
- राहुल गांधी विदेश में भारत के खिलाफ बोलते हैं।
रांची, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उनके बयानों को निराधार और निरर्थक करार दिया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होते हुए भी राहुल गांधी जिस तरह चुनाव आयोग और अन्य संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं, वह मानसिक दिवालियापन का परिचायक है।
संजय सेठ ने रांची में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी को न ईडी पर भरोसा है, न सीबीआई पर, न चुनाव आयोग पर, न ईवीएम पर और न ही जनता पर। उन्होंने कहा, “कभी आप ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते हैं तो कभी सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर। आखिर आप चाहते क्या हैं?”
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के इसी रवैये के कारण जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती। उन्होंने कहा, “जनता ने उन्हें लगातार किनारा किया है। तीसरी बार भी देश ने उन्हें विपक्ष में बैठा दिया और अब वे अपनी खीझ चुनाव आयोग पर उतार रहे हैं। बिहार में भी यही रिजल्ट आने वाला है। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”
संजय सेठ ने कहा कि भारत आज दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर है और विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, लेकिन राहुल गांधी को यह दिखाई नहीं देता। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर जुबानी हमला करते हुए कहा, "वे विदेश जाते हैं तो भारत की प्रशंसा करने के बजाय देश के खिलाफ बोलते हैं। राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन नागरिक होने के नाते देश और विकास के साथ खड़ा रहना कर्तव्य है। दुनिया आज प्रधानमंत्री मोदी की ओर देख रही है और भारत नवनिर्माण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन राहुल गांधी झूठ का पुलिंदा बार-बार परोस रहे हैं, जिसे जनता नकार रही है।"
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। जो मृतक हैं या घुसपैठिए हैं, उनके नाम हटाए जाते हैं। इसपर आपत्ति जताना और भ्रम फैलाना समझ से परे है।