क्या राहुल गांधी की देशभक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं? भाजपा सांसद कंगना रनौत
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का विदेशी प्रतिनिधिमंडल से मिलने का दावा
- कंगना रनौत का देशभक्ति पर सवाल
- राजनीतिक बहस की गहराई
- सरकार के प्रोटोकॉल का पालन
- विपक्ष और सरकार के बीच टकराव
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पूर्व, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विपक्ष के नेताओं के साथ विदेशी प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात न कराने का आरोप लगाकर एक राजनीतिक चर्चा आरंभ की है। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने राहुल गांधी के इस आरोप को केवल राजनीति करार दिया। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कांग्रेस नेता की देशभक्ति पर भी सवाल उठाए।
कंगना ने लोकसभा में कहा, "यदि राहुल गांधी अपनी तुलना अटल बिहारी वाजपेयी से कर रहे हैं, तो मेरी सलाह है कि उन्हें भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए, तभी वह उनके समान बन सकते हैं।"
कंगना ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा, "राहुल गांधी की देश के प्रति भावना पर सवाल उठता है। भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिशें चल रही हैं, चाहे वह दंगे कराने की हो या 'टुकड़े' करने की योजनाएँ, यह सब प्रश्न उठाते हैं।"
विपक्ष के नेताओं को विदेशी प्रतिनिधिमंडल से न मिलने देने पर भाजपा सांसद ने कहा, "सरकार के कुछ फैसले होते हैं।"
भाजपा सांसद बृज लाल ने भी कहा कि सरकार सभी कार्य प्रोटोकॉल के अनुसार करती है। उसी प्रोटोकॉल के तहत पुतिन भारत आ रहे हैं। इसलिए काम भी प्रोटोकॉल के अनुसार ही होगा। राहुल गांधी इस मामले में केवल राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा सांसद भीम सिंह ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी किसी दृष्टांत के साथ बात करते, तो उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता। विदेश से आने वाले नेताओं का अपने कार्यक्रम के अनुसार प्रोटोकॉल होता है।
भीम सिंह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी केवल हंगामा करते हैं। उन्हें जहाँ बोलना चाहिए, वहाँ नहीं बोलते।