क्या राहुल गांधी को बिहार के युवाओं की नहीं, तेजस्वी यादव की चिंता है? : प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर आरोप लगाए कि उन्हें बिहार के युवाओं से कोई सरोकार नहीं है।
- उन्होंने जन सुराज पार्टी की टिकट प्रक्रिया को पारदर्शी बताया।
- छोटे बच्चों की शिक्षा पर सरकार की जिम्मेदारी का जिक्र किया।
- बिहार में पलायन रोकने पर जोर दिया गया।
- आर्थिक सहायता के लिए पेंशन योजना की घोषणा की गई।
गोपालगंज, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बिहार के युवाओं से कोई सरोकार नहीं है, बल्कि उनकी रुचि लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव में है। अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान गुरुवार को गोपालगंज के हथुआ विधानसभा में ‘बिहार बदलाव जनसभा’ को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने यह बात कही।
सबेया एयरपोर्ट मैदान में आयोजित जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर उनके ध्यान में नहीं हैं।
प्रशांत किशोर ने व्यंग्य करते हुए कहा, "राहुल गांधी बहुत बड़े नेता हैं। उनके ध्यान में बिहार का युवा नहीं, बल्कि देश और पीएम नरेंद्र मोदी हैं। हमारा ध्यान बिहार के विकास पर है। राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं, तो उनके ध्यान में प्रशांत किशोर या बिहार कैसे आ सकता है?"
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बिहार के युवाओं की चिंता है और बिहार से पलायन रुकना चाहिए, यही उनकी प्राथमिकता है।
जन सुराज पार्टी से टिकट की प्रक्रिया के बारे में प्रशांत किशोर ने बताया कि उम्मीदवारी के लिए २१ हजार रुपए की फीस है, जो कोई बड़ी बात नहीं है। जनता ही तय करेगी कि कौन जन सुराज का उम्मीदवार बनेगा। यह कोई राजद, भाजपा या कांग्रेस नहीं है जहां टिकट बिकते हैं। यहाँ जनता ही उम्मीदवार चुनेगी।
इसके पहले, प्रशांत किशोर ने हथुआ में जनता से वादा किया कि यदि जन सुराज की सरकार आती है, तो दिसंबर २०२५ से ६० वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक पुरुष और महिला को २,००० रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं होगा, तब तक १५ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ सकें।
इसके अलावा, प्रशांत किशोर ने कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। बिहार के ५० लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें १०-१२ हजार रुपए का रोजगार दिया जाएगा।