क्या राहुल अपनी पार्टी के नेता नहीं बन पा रहे, तो देश के प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे? भाजपा का पलटवार

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी को पहले अपनी पार्टी का नेता बनना चाहिए।
- भाजपा का तर्क है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले पार्टी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- कांग्रेस को परिवारवाद से बाहर आकर सशक्त होना चाहिए।
- जनता का विश्वास ही किसी भी नेता की ताकत है।
- राजीव गांधी की विरासत को आगे बढ़ाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस और उनके सहयोगी दल राहुल गांधी को अगला 'प्रधानमंत्री उम्मीदवार' बनाने के लिए प्रयासरत हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी कहा कि वे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। हालांकि, भाजपा के नेताओं ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल पहले अपनी पार्टी का नेता बनें।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यदि राहुल गांधी अपनी पार्टी के नेता नहीं बन पा रहे हैं, तो देश के प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे?"
शशांक मणि त्रिपाठी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के कई सांसद राहुल गांधी से असंतुष्ट हैं। राहुल ने उन सांसदों को बैकबेंचर बना दिया है। यदि कोई व्यक्ति परिवार से संबंधित नहीं है, तो राहुल गांधी उसे महत्व नहीं देते हैं। यह पूरी तरह गलत है। भाजपा सांसद ने आगे कहा, "राहुल गांधी को परिवारवाद से हटकर एक सशक्त कांग्रेस की नींव रखनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसलिए पहले उन्हें कांग्रेस पार्टी में सही तरीके से स्थापित होना चाहिए।"
भाजपा सांसद दामोदर अग्रवाल ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि जनता चाहती है, तो वे (प्रधानमंत्री) अवश्य बनेंगे। लोकतंत्र में जनता ही सच्ची संप्रभु होती है, कोई भी व्यक्ति संप्रभु नहीं होता है। जब तक जनता का विश्वास प्राप्त नहीं होता, तब तक कोई व्यक्ति पद पर नहीं रह सकता। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है।
इससे पहले, रेवंत रेड्डी ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद कहा था, "राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। राजीव गांधी से प्रेरणा लेकर हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हम राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नहीं बना देते।" तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राजीव गांधी ने राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। पारदर्शी शासन प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना राजीव गांधी की सोच थी।