क्या राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाकर अराजकता फैला रहे हैं: केशव प्रसाद मौर्य?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोपों को बेतुका करार दिया गया।
- संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना आवश्यक है।
- अराजकता का संकेत देने वाली टिप्पणियाँ निंदनीय हैं।
- एनडीए का निर्णय स्वागत योग्य है।
- राष्ट्रहित में दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है।
लखनऊ, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए वोट चोरी के आरोप को बेतुका करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्न उठाकर अराजकता फैला रहे हैं।
रविवार को चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी को हलफनामा देने के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दिए जाने को मौर्य ने बिल्कुल सही बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का इस तरह का आचरण उचित नहीं है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि हर प्रक्रिया की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। अगर किसी राजनीतिक दल को मतदाता सूची के प्रकाशन और संशोधन पर आपत्ति है, तो उसे आधिकारिक रूप से इसे उठाना चाहिए। लेकिन, राहुल गांधी देश में अफवाहें फैला रहे हैं। उनका आचरण न तो लोकतांत्रिक है और न ही संवैधानिक, बल्कि पूरी तरह से गैरजिम्मेदाराना है।
विपक्ष के नेता जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ऐसी हरकतें निंदनीय हैं।
एनडीए द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर मौर्य ने कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं और राधाकृष्णन को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को आदिवासी समुदाय से एक राष्ट्रपति मिला है और अब ओबीसी वर्ग से एक उपराष्ट्रपति होगा। यह एक महत्वपूर्ण संदेश है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले राजनेता जिन्होंने कई राज्यों के राज्यपालों सहित अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। आपका राष्ट्रहित में समर्पण, दूरदर्शी नेतृत्व एवं निरंतर सेवाभाव निश्चय ही भारत को नई ऊर्जा और नई दिशा प्रदान करेगा।"