क्या देश में सभी राज्यों के लिए समान कानून होना चाहिए?: अजित पवार

सारांश
Key Takeaways
- अजित पवार का मानना है कि सभी राज्यों के लिए समान कानून होना चाहिए।
- महायुति सरकार विकास कार्यों में जुटी है।
- राहुल गांधी के आरोपों पर सबूत होना चाहिए।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के समाप्त होने को लेकर मंगलवार को छह वर्ष पूरे हो गए। इस अवसर पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि देश में सभी राज्यों के लिए समान कानून होना चाहिए।
अजित पवार ने आगे कहा कि जब हम एक ही देश में निवास करते हैं, तो जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी के लिए एक समान कानून होना अनिवार्य है। पहले इस मुद्दे पर काफी चर्चा होती थी कि कुछ राज्यों के लिए अलग कानून क्यों हो। यह बात अनेक लोगों को स्वीकार्य नहीं थी। इसलिए, जो भी भारत में रहता है, उस पर एक समान कानून लागू होना चाहिए, यही सच्चे अर्थों में एकता है।
उन्होंने महायुति सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि महायुति सरकार को बहुमत मिला है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य में विकास की दिशा में काम चल रहा है। महायुति सरकार राज्य में बहुत अच्छे ढंग से कार्य कर रही है। आज की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। हमारी प्राथमिकता महाराष्ट्र का विकास है। हम केंद्र सरकार से अधिक सहयोग प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं और यह प्रयास निरंतर जारी है। विकास कार्य राज्य के सभी क्षेत्रों में प्रगति पर हैं।
अजित पवार ने राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के संबंध में कहा कि आरोप लगाने के लिए सबूत होना चाहिए। अदालत का जो भी निर्णय है, उसे अंतिम माना जाना चाहिए। विपक्ष के कुछ नेता बिना सबूत के आरोप लगाते हैं, जो उचित नहीं है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से 'चीन द्वारा भारत की भूमि पर कब्जा' करने की टिप्पणी को लेकर प्रश्न पूछे थे। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वे एक सच्चे भारतीय होते, तो इस तरह की बातें नहीं करते।