क्या 'संचार साथी' ऐप पर सपा नेता एचटी हसन का बयान सही है?
सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने 'संचार साथी' ऐप को अनिवार्य किया है।
- विपक्ष ने निजता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
- एचटी हसन ने सरकार की आलोचना की है।
- निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
- नए नियमों का पालन सभी मैसेजिंग ऐप्स को करना होगा।
मुरादाबाद, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दूरसंचार विभाग द्वारा नए मोबाइल फोन में 'संचार साथी' ऐप को अनिवार्य करने का मामला चर्चा में है। जबकि सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक मानती है, विपक्ष के नेता सरकार पर लोगों की निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के नेता एचटी हसन ने भी सरकार पर तीखा हमला किया है।
सपा प्रवक्ता एचटी हसन ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "सरकार की प्राथमिकता लोगों की निजता को समाप्त करना है, जबकि संविधान में निजता की सुरक्षा का उल्लेख है। पहले पेगासस आया था, जिससे हर किसी की प्राइवेसी खतरे में पड़ गई। हमने सुना है कि अगर किसी का एंड्रायड टीवी चालू है, तो उनके कमरे की वीडियो कहीं भी पहुंच सकती है।"
उन्होंने कहा, "अगर मोबाइल का इंटरनेट चालू है, तो फोन पर हुई बातें कोई और भी सुन सकता है। अब सरकार एक नया संचार ऐप लेकर आ रही है। हम इसे क्यों डाउनलोड करें? अगर मोबाइल खो जाता है, तो यह पहले ही पता चल जाता है। ये सब चीजें लोगों की निजता को खत्म करने के लिए हैं। सरकार हर भारतीय पर शक कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार ऐसे सेन्टिमेंट से काम करती है जो देशहित में नहीं है। उनका दृष्टिकोण है कि हर व्यक्ति का मूवमेंट और सभी की बातें रिकॉर्ड की जाएं। हम घर में हों या बाहर, सभी का एक निजी जीवन होता है। इसमें किसी का भी अतिक्रमण होना देशवासी नहीं चाहता।"
भारत सरकार ने 29 नवंबर को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इसके अनुसार, व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से जुड़े रहेंगे। निर्देश के अनुसार, सभी प्लेटफॉर्म को 90 दिनों में इन नियमों का पालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।