क्या समाजवादी पार्टी का एजेंडा देश में नफरत फैलाना और माहौल बिगाड़ना है? : नंद किशोर गुर्जर

सारांश
Key Takeaways
- समाजवादी पार्टी का एजेंडा नफरत फैलाना है।
- आजम खान का बयान विवादास्पद है।
- दीपावली एक सकारात्मक त्योहार है।
- ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक कार्य है।
- राजनीतिक बयानबाजी का समाज पर प्रभाव पड़ता है।
लोनी, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के विवादास्पद बयान “जो दीये जला सकते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं” ने राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भाजपा के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि यह केवल आजम खान का बयान नहीं है, बल्कि समाजवादी पार्टी का एक ऐसा एजेंडा है जो देश को जलाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे, उसी तरह से सपा का मकसद देश में नफरत फैलाना और माहौल बिगाड़ना है।
उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार प्रकाश और सद्भाव का प्रतीक है, लेकिन सपा के नेता नफरत की राजनीति कर समाज को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं। नंद किशोर गुर्जर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा दीपावली पर लिखे गए पत्र ने देशवासियों का मनोबल बढ़ाया है।
विधायक ने ऑपरेशन सिंदूर की भी प्रशंसा की और इसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किया गया एक ऐतिहासिक कार्य बताया, जिसने देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि आजम खान का बयान अत्यंत शर्मनाक है। देश के हर सनातनी ने उनके एजेंडे को समझ लिया है। ये लोग आतंकियों को रिहा करने, कारसेवकों पर गोली चलाने और बलात्कारियों का समर्थन करने का काम करते हैं। ये लोग जिहादी मानसिकता के तहत काम करते हैं।
अयोध्या में दीपावली पर 26 लाख दिए जलाने का जो विश्व रिकॉर्ड बना है, उससे ये जलन महसूस कर रहे हैं। आजम खान के बयान की कड़ी निंदा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आजम खान के बयान के पीछे समाजवादी पार्टी की विचारधारा है। आजम खान जमानत पर बाहर आए हैं, ऐसे में इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। कोर्ट को भी इस पर ध्यान देना चाहिए कि जमानत पर छूटे व्यक्ति को समाज में तोड़फोड़ करने वाली बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।