क्या संसद में गंभीर चर्चा के बजाय नौटंकी हो रही है? राम कदम का विपक्ष को संदेश

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क्या संसद में गंभीर चर्चा के बजाय नौटंकी हो रही है? राम कदम का विपक्ष को संदेश

सारांश

क्या संसद में गंभीर चर्चा की जगह राजनीतिक नौटंकी हो रही है? भाजपा के राम कदम ने विपक्ष को दी चेतावनी। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • संसद सत्र का उद्देश्य जनहित पर चर्चा करना है।
  • भाजपा सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
  • नक्सलवाद अब शहरों में भी पनप रहा है।
  • सरकार का नया कानून जन सुरक्षा के लिए है।
  • लोकतंत्र की आड़ में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ होने वाला है और इसको लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के विधायक राम कदम ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए विपक्ष को स्पष्ट संदेश दिया कि संसद सत्र का उपयोग राजनीतिक नौटंकी के बजाय गंभीर चर्चा और जनहित के मंथन के लिए किया जाना चाहिए।

राम कदम ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में जितने भी संसद सत्र हुए हैं, विपक्ष ने बार-बार सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन वे विफल रहे। उन्होंने विपक्ष को चेताते हुए कहा कि संसद सत्र कोई टीवी कैमरे के सामने नाटक करने का मंच नहीं है। सत्र के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। अगर आप वहां चर्चा नहीं करेंगे और कैमरे के सामने ड्रामा करेंगे, तो ये जनता के साथ धोखा है, जिन्होंने आपको चुनकर भेजा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और उसके मंत्री संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। सत्र चर्चा और मंथन के लिए होता है। विपक्ष यदि मुद्दा लाएगा, तो हम जवाब देंगे। लेकिन, हंगामा और वॉकआउट की राजनीति अब देश को स्वीकार नहीं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की हालिया टिप्पणी पर राम कदम ने कहा कि शशि थरूर एक विद्वान और बुद्धिमान व्यक्ति हैं। उनके विचारों से असहमति हो सकती है, लेकिन वे जानते हैं कि देशहित में क्या जरूरी है। जब बात जन सुरक्षा की हो, तब राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा।

राम कदम ने बताया कि महाराष्ट्र के चार जिले कभी नक्सल प्रभावित थे, लेकिन आज की स्थिति में केवल दो तहसीलों तक यह समस्या सीमित रह गई है। यह सरकार की ठोस नीति और कड़े प्रयासों का परिणाम है। लेकिन अब नक्सलवाद का चेहरा बदल रहा है। गांवों से निकलकर यह अब शहरों की संस्थाओं की आड़ में पनप रहा है। इसी खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक नया कड़ा कानून लाने की पहल की है। यह कानून किसी दल के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए है। झारखंड, उड़ीसा और दक्षिण भारत के तीन राज्यों में पहले ही इस प्रकार का कानून लागू किया जा चुका है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रोपोजड कानून का उद्देश्य किसी पार्टी या आंदोलन को दबाना नहीं है। यह उन लोगों के खिलाफ है जो लोकतंत्र की आड़ में हिंसा फैलाते हैं। यह कानून देश की रक्षा का बिल है, न कि किसी दल की रक्षा का। यह कानून लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित रखने के लिए है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि संसद का सत्र जनता की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। राजनीतिक नाटक के बजाय, जनहित के मुद्दों पर गंभीर विमर्श होना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

संसद सत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
संसद सत्र का मुख्य उद्देश्य जनहित के मुद्दों पर चर्चा करना और कानून बनाना है।
राम कदम ने विपक्ष को क्या संदेश दिया?
राम कदम ने विपक्ष को चेताया कि संसद सत्र का उपयोग राजनीतिक नौटंकी के बजाय गंभीर चर्चा के लिए किया जाना चाहिए।
नक्सलवाद से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार क्या कर रही है?
महाराष्ट्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक नया कड़ा कानून लाने की पहल की है।