क्या सरकार एसआईआर की आड़ में अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है?: कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत
सारांश
Key Takeaways
- सुखदेव भगत ने सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर चिंता व्यक्त की गई है।
- शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष ने अपनी चिंता जाहिर की है।
- विपक्ष को लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है।
- संसद की गरिमा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
नई दिल्ली, १ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले, विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। उन्होंने चुनाव आयोग के बारे में भी सवाल उठाए हैं। सुखदेव भगत ने शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर भी चिंता जताई।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी को संकीर्ण बना दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने इतना छोटा शीतकालीन सत्र बुलाकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है। यह स्पष्ट है कि सरकार जवाबदेही से बच रही है।
उन्होंने एसआईआर के संदर्भ में कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता पर कायम है। आज भी ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग न निष्पक्ष है और न स्वतंत्र है, बल्कि यह भाजपा सरकार के निर्देशों का पालन कर रहा है। हम चाहते हैं कि संसद में एसआईआर के मुद्दे पर गहन चर्चा हो। सरकार इस पर अपनी ईमानदारी से भाग रही है। हम चाहते हैं कि छोटे सत्र का भी पूरी तरह से सद्उपयोग हो।
सुखदेव भगत ने कहा कि विपक्ष दुश्मन नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की खूबी है। हमारे संविधान में भी चेक एंड बैलेंस जैसी बातें हैं। उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि सकारात्मक चीजों के लिए बातचीत होनी चाहिए, और सरकार को इसे अच्छे तरीके से लेना चाहिए। सत्र का सद्उपयोग हो, यही हमारी इच्छा है।"
राज्यसभा में भाषण के दौरान 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' जैसे नारे लगाने पर रोक लगाने वाली एडवाइजरी पर सुखदेव भगत ने कहा, "मेरा मानना है कि संसद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। मुझे ऐसा लगता है कि जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी समेत मंत्री सदन में आते हैं, तो यह कोई राजनीतिक मंच नहीं बल्कि संसद होती है।"
--- राष्ट्र प्रेस
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