क्या सरकार तय करेगी चर्चा का जवाब कौन देगा?

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क्या सरकार तय करेगी चर्चा का जवाब कौन देगा?

सारांश

राज्यसभा में हुई तीखी बहस में विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर नाराज़गी जताई। गृह मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब दिया। विपक्ष ने विरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। इस पर किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह सरकार का फैसला है।

Key Takeaways

  • राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच गंभीर बहस हुई।
  • विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई।
  • सरकार तय करती है कि चर्चा का जवाब कौन देगा।
  • हंगामे के कारण कार्यवाही कई बार स्थगित हुई।
  • विपक्ष ने कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में कल पक्ष और विपक्ष के बीच एक गंभीर बहस हुई। दरअसल, विपक्ष इस बात से नाराज था कि बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित नहीं हुए, और गृह मंत्री ने इस चर्चा का जवाब दिया। इस पर सदन के नेता जेपी नड्डा ने विपक्षी सांसदों को याद दिलाया कि वर्ष 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद तत्कालीन गृहमंत्री ने जवाब देने सदन में आकर अपनी बात रखी थी, न कि प्रधानमंत्री

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नड्डा ने बताया कि यूपीए सरकार के समय मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि गृहमंत्री ने सदन में जवाब दिया था। खड़गे ने कहा, “मैं यह मानता हूं, लेकिन मुद्दा यह नहीं है। हमने इस पर सवाल नहीं उठाया। हमने तब सवाल उठाया जब उन्होंने कहा कि ‘मैं अकेले आपको निपट लूंगा।’ इस बयान से उन्होंने हम सभी का निरादर किया। हमने इसके खिलाफ विरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री को बुलाकर जवाब देना चाहिए।”

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने खड़गे के बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 1 घंटा 42 मिनट तक विस्तार से जवाब दिया। अगले दिन राज्यसभा में भी चर्चा का जवाब देने की योजना थी। गृह मंत्री जवाब देने के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नहीं, बल्कि गृह मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि चर्चा का जवाब कौन देगा, यह विपक्ष नहीं, बल्कि सरकार तय करती है। यह सामूहिक जिम्मेदारी है और कैबिनेट में प्रधानमंत्री या उनके सहयोगी इसकी जिम्मेदारी लेते हैं। इसके बाद सदन में हंगामा बढ़ गया, जिसके कारण कार्यवाही शाम 4:30 बजे तक स्थगित कर दी गई।

गौरतलब है कि गुरुवार सुबह से राज्यसभा में हंगामा चल रहा है। विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची की जांच, अमेरिका के टैरिफ, महिलाओं के खिलाफ अपराध और सभापति के इस्तीफे जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। उन्होंने नियम 267 के तहत इन मुद्दों पर बातचीत चाही, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर सांसदों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की। हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक और तीसरी बार फिर से स्थगित करनी पड़ी।

Point of View

यह घटनाक्रम दर्शाता है कि संसद में संवाद और जवाबदेही की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति ने विपक्ष को और अधिक सक्रिय कर दिया है। सरकार को जनता के प्रति उत्तरदायी रहना चाहिए, ताकि लोकतंत्र को मजबूती मिले।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

राज्यसभा में हंगामा क्यों हुआ?
विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर नाराज़गी जताई और कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
क्या सरकार तय कर सकती है कि जवाब कौन देगा?
हां, किरेन रिजिजू ने कहा कि यह सरकार का निर्णय है कि कौन चर्चा का जवाब देगा।
2008 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान क्या हुआ था?
तत्कालीन गृहमंत्री ने सदन में जवाब दिया था, न कि प्रधानमंत्री