क्या एसआईआर के माध्यम से गरीबों और दलितों के वोट काटे जाएंगे, इमरान मसूद का कहना?

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क्या एसआईआर के माध्यम से गरीबों और दलितों के वोट काटे जाएंगे, इमरान मसूद का कहना?

सारांश

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने एसआईआर पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जिसमें उन्होंने गरीबों, दलितों और मुसलमानों के वोटों के संभावित कटाव पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यदि ऐसा होता है, तो यह एक गंभीर मुद्दा बन जाएगा। क्या यह राजनीतिक पक्षपात है? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • एसआईआर का विरोध नहीं, परंतु समय की सही उपयोग की आवश्यकता है।
  • हर नागरिक का वोट देना संवैधानिक अधिकार है।
  • राजनीतिक पक्षपात से बचने के लिए सभी समुदायों की सुरक्षा जरूरी है।

नई दिल्ली, १६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध व्यक्त किया है, जबकि अब महाराष्ट्र में भी विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग से एसआईआर की मांग कर रही हैं। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि एसआईआर के माध्यम से गरीबों, दलितों और मुसलमानों के वोटों को चुनिंदा तरीके से काटा गया, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।

मसूद ने यह भी कहा कि वोट देना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है, जिसे कोई नहीं छीन सकता। हम एसआईआर का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसका जाति या धर्म के आधार पर चुनिंदा तरीके से उपयोग नहीं होना चाहिए। यदि किसी खास समुदाय को निशाना बनाया गया, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

अहमदाबाद में कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर मसूद ने कहा कि पूरा देश गुजरात से संचालित हो रहा है और सभी निर्णय भी वहीं से हो रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए पूरा पैसा भी वहीं जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे आयोजन दिल्ली या अन्य स्थानों पर भी हो सकते हैं, लेकिन सरकार का निर्णय अंतिम है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मसूद ने कहा कि ट्रंप कौन हैं? उनके कहने से क्या होता है। भारत के निर्णय स्वतंत्र होने चाहिए।

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर गैंगरेप मामले में राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपे जाने पर मसूद ने दोहरे मापदंड का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि बंगाल में राज्यपाल इतने सक्रिय क्यों हैं? भाजपा शासित राज्यों में ऐसी सक्रियता क्यों नहीं दिखती? उत्तर प्रदेश, हरियाणा या अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन वहां के राज्यपाल चुप रहते हैं। यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक पक्षपात है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बिहार दौरे पर मसूद ने कहा कि वे दूसरे दल से हैं और वहां चुनाव प्रचार करने गए हैं। मैं इसके बारे में क्या कह सकता हूं। वे अपने दल का कार्य कर रहे हैं, हम अपने दल का कार्य कर रहे हैं। जनता का भरोसा हमारे साथ है।

Point of View

न कि किसी विशेष समुदाय को लक्षित करना। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया का उपयोग सभी मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए किया जाए।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर का क्या मतलब है?
एसआईआर का मतलब 'सामाजिक पहचान रजिस्ट्रेशन' है, जो चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान को सुनिश्चित करने का एक तरीका है।
इमरान मसूद ने एसआईआर पर क्या कहा?
इमरान मसूद ने कहा कि यदि एसआईआर का उपयोग गरीबों और दलितों के वोट काटने के लिए किया गया, तो इसका कड़ा विरोध होगा।
क्या एसआईआर का उपयोग राजनीतिक पक्षपात के लिए किया जा सकता है?
इमरान मसूद का मानना है कि यदि एसआईआर का उपयोग जाति या धर्म के आधार पर किया गया, तो यह राजनीतिक पक्षपात होगा।