क्या एसआईआर से हो रही मौतों का जिम्मेदार सरकार है? कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा का आरोप

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क्या एसआईआर से हो रही मौतों का जिम्मेदार सरकार है? कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा का आरोप

सारांश

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने संसद में एसआईआर से संबंधित आत्महत्याओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान, उन्होंने सरकार से जवाबदेही की मांग की और नागरिकों की निजता के उल्लंघन पर भी चिंता व्यक्त की। क्या सरकार इस मुद्दे से भाग रही है?

Key Takeaways

  • एसआईआर से हो रही आत्महत्याओं पर गंभीर चिंता।
  • सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप।
  • नागरिकों की निजता का उल्लंघन।
  • तानाशाही के संकेत।
  • विपक्ष का प्रदर्शन।

रांची, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र आज अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहा है और सरकार पर चर्चा से भागने का गंभीर आरोप लगा रहा है। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।

राकेश सिन्हा ने कहा, "हम प्रधानमंत्री से सदन में एसआईआर पर चर्चा करने का अनुरोध कर रहे थे। जिन लोगों ने आत्महत्या की, उनकी क्या गलती थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसकी जवाबदेही कौन लेगा? हम इस पर चर्चा करवा रहे हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। सवाल उठता है कि वे इस मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते हैं?"

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के सेना पर दिए बयान को राकेश सिन्हा ने गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा और गंभीर मामला है। जब आप सेना पर हमारे समर्थन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का दबाव बनाते हैं, तो यह स्वाभाविक रूप से उचित नहीं है और केंद्र सरकार द्वारा लगातार ऐसी कार्रवाई की जा रही है। इसका अर्थ है कि आप भारत के लोकतंत्र को पूरी तरह से समाप्त करना चाहते हैं। सत्ता का घमंड इस हद तक बढ़ गया है कि आप हर व्यक्ति, हर संस्था को अपने अधीन करना चाहते हैं।"

उन्होंने दूरसंचार विभाग द्वारा नए मोबाइल फोन में 'संचार साथी' ऐप अनिवार्य करने को नागरिकों की निजता का उल्लंघन बताते हुए लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा, "जैसे केंद्र सरकार कभी पेगासस के जरिए जासूसी कर रही थी, वैसे ही वह संचार साथी ऐप के जरिए देश के नागरिकों की जासूसी करेगी। यह उनका डाटा इकट्ठा करेगी। इसका अर्थ है कि उनकी सारी व्यक्तिगत जानकारी सरकार के नियंत्रण में होगी।"

इसे तानाशाही कदम बताते हुए उन्होंने कहा, "हम व्हाट्सएप पर क्या लिखेंगे? हम टेलीफोन पर क्या बात करेंगे? सरकार अब वह सारा डाटा देखेगी। अब सरकार व्यक्तिगत मामलों पर भी नजर रखेगी, जिसका अर्थ है कि केंद्र सरकार अब तानाशाही की सीमाओं को पार कर चुकी है।"

Point of View

जो न केवल विपक्ष की चिंता को दर्शाता है, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग की संभावना को भी उजागर करता है। ऐसे में, देश के नागरिकों को अपनी आवाज उठानी चाहिए और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब विशेष गहन पुनरीक्षण है, जो मतदाता सूची के लिए किया जाता है।
राकेश सिन्हा ने सरकार पर क्या आरोप लगाया?
उन्होंने आत्महत्याओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और जवाबदेही की मांग की।
संचार साथी ऐप से क्या खतरा है?
यह नागरिकों की निजता का उल्लंघन कर सकता है और उनकी जासूसी का साधन बन सकता है।
क्यों कहा जा रहा है कि यह तानाशाही की ओर इशारा है?
क्योंकि सरकार नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी पर नजर रख रही है।
क्या विपक्ष संसद में प्रदर्शन कर रहा है?
हाँ, विपक्ष एसआईआर को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहा है।
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