क्या तेजस्वी यादव को मतदाता सूची सत्यापन की आलोचना करने का अधिकार है? : नीरज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव की आलोचना को खारिज किया।
- बिहार में मतदाता सूची का सत्यापन चुनाव आयोग का कार्य है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं।
- बिहार में कृषि पर निर्भरता अधिक है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में हो रहे मतदाता सूची के सत्यापन पर उठाए गए सवालों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की आलोचना करने की कोई पात्रता नहीं है।
नीरज कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव के माता-पिता के शासनकाल में हालात इतने खराब थे कि पुलिस अपनी सुरक्षा की गुहार लगाती थी। महिलाओं और दलितों को वोट डालने से रोका जाता था। चुनाव केवल लोकतंत्र का पर्व नहीं, बल्कि आतंक का उत्सव बन गया था।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण चुनाव आयोग का दायित्व है। हर राजनीतिक दल को बूथ स्तर पर मतदाता सूची में गलतियों को चुनाव आयोग को बताना चाहिए। यदि आपके पास कार्यकर्ताओं की कमी है, तो आप इसका जिम्मेदार किसे ठहराएंगे?
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रदेश के लोगों को रोजगार मिला है। लालू प्रसाद यादव ने अपने शासनकाल में 19,538 सिपाहियों की नियुक्ति की जबकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2,14,600 लोगों की नियुक्ति हुई है। इसके अलावा, 29,000 और लोग जुड़ने जा रहे हैं।
नीरज कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में लालू प्रसाद यादव का नाम पहले स्थान पर है, जबकि रोजगार के मामले में नीतीश कुमार का नाम सबसे ऊपर है। उन्होंने 'इंडिया' ब्लॉक पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेता अपनी सीटों के लिए दावेदारी करेंगे, इसलिए सभी घटक दलों को सतर्क रहना चाहिए।
जेडीयू प्रवक्ता ने बताया कि बिहार में 70 प्रतिशत से अधिक लोग कृषि पर निर्भर हैं। यदि उन्हें आयुष्मान कार्ड की सुविधा बड़े पैमाने पर मिल रही है, तो यह एक सकारात्मक बात है।
नीरज कुमार ने पश्चिम बंगाल में लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले में शामिल एक अपराधी तृणमूल कांग्रेस का सदस्य है। उसने गिरफ्तारी तो दी है, लेकिन टीएमसी ने पार्टी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसा लगता है कि क्या महिलाओं के खिलाफ अपराध करना तृणमूल कांग्रेस की पहचान बन गई है।
उन्होंने कहा कि बिहार इस मामले में रोल मॉडल है। बिहार इन मामलों में त्वरित कार्रवाई करता है। ममता बनर्जी को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि लोगों को एहसास हो सके कि कानून का हाथ लंबा है।