क्या टीएमसी नेताओं का दिमाग ठीक से काम नहीं करता?: दिलीप घोष

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क्या टीएमसी नेताओं का दिमाग ठीक से काम नहीं करता?: दिलीप घोष

सारांश

खड़गपुर में भाजपा नेता दिलीप घोष ने टीएमसी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने टीएमसी नेताओं की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाया है और कहा है कि ऐसे नेता केवल टीएमसी में ही मौजूद हैं। क्या यह बयान सही है? जानें पूरी कहानी में।

Key Takeaways

  • टीएमसी के नेता केवल तब सक्रिय होते हैं जब समस्याएँ होती हैं।
  • दिलीप घोष ने टीएमसी के नेताओं की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाया।
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर भी आरोप लगाए गए हैं।

खड़गपुर, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में टीएमसी विधायक मदन मित्रा की टिप्पणियों के चलते विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में भाजपा नेता दिलीप घोष ने टीएमसी पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता केवल टीएमसी में ही देखने को मिलते हैं।

भाजपा नेता दिलीप घोष ने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "वे तब ही सक्रिय होते हैं जब समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। सभी को पता है कि कभी-कभी वे सही होते हैं, कभी नहीं, और शाम के बाद उनका दिमाग सही से काम नहीं करता। इसीलिए हम ऐसे नेताओं को आजकल केवल टीएमसी में ही देखते हैं। उनके बयानों और कार्यों पर ध्यान दें।"

उन्होंने आगे कहा, "अनुब्रत मंडल जैसे नेताओं को देखें। इतनी गंभीर घटना के बावजूद, जिन्होंने एक पुलिस अधिकारी का अपमान किया, उन्हें कोई सजा नहीं दी जा रही है। टीएमसी ऐसे असामाजिक तत्वों द्वारा संचालित हो रही है। अगर उन्हें हटाया गया, तो पार्टी का अस्तित्व संकट में आ जाएगा।"

मंत्री मानस रंजन भुनिया के एक बयान पर दिलीप घोष ने कहा, "आरजी कर मामला भी छोटी घटना है। कालीगंज में एक लड़की पर बम से हमला हुआ, इसे भी छोटी घटना बताई जा रही है। इन घटनाओं के पीछे उनके अपने पार्टी के नेता हैं। इसलिए मानस भुनिया जैसे वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार और जागरूकता के साथ बोलना चाहिए। उन्हें सोचना चाहिए कि वे किसके हित में बोल रहे हैं।"

दिलीप घोष ने ममता सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, "बंगाल में कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विपक्षी दलों को कोर्ट का सहारा लेना पड़ता है। यहां तक कि नेताओं को भी कहीं जाने के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी पड़ती है। मुझे लगता है कि अगर सरकार को मौका मिला, तो शादी के लिए भी कोर्ट से अनुमति लेने की जरूरत पड़ेगी।"

Point of View

मैं मानता हूं कि यह स्थिति बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। टीएमसी के नेता और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना आवश्यक है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि विपक्ष किस प्रकार से अपनी भूमिका निभा रहा है।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

दिलीप घोष ने टीएमसी पर क्या आरोप लगाए?
दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी के नेता तब ही सक्रिय होते हैं जब समस्याएँ होती हैं और उनका दिमाग सही से काम नहीं करता।
क्या टीएमसी में असामाजिक तत्व हैं?
दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी ऐसे असामाजिक तत्वों द्वारा संचालित है।