क्या तृणमूल नेता के सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद को जन्म दिया?

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क्या तृणमूल नेता के सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद को जन्म दिया?

सारांश

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की नेता काकोली घोष दस्तीदार के विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट ने चार दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव से पहले राजनीति में हलचल मचा दी है। जानें इस मामले के पीछे की कहानी और घोष दस्तीदार का स्पष्टीकरण।

Key Takeaways

  • काकोली घोष दस्तीदार का विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट।
  • त्योहारों के मौसम में राजनीतिक बयानबाज़ी का प्रभाव।
  • पार्टी के भीतर संगठनात्मक फेरबदल के संकेत।

कोलकाता, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बारासात निर्वाचन क्षेत्र से चार बार की सांसद और लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की नई मुख्य सचेतक काकोली घोष दस्तीदार के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद उत्पन्न कर दिया है। उन्होंने राज्य में चार दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत से एक दिन पहले एक विवादास्पद पोस्ट साझा किया।

व्यक्तिगत जीवन में चिकित्सक घोष दस्तीदार ने अपने आवास पर पूजा के दौरान देवी दुर्गा की मूर्ति के साथ अपनी तस्वीर साझा की। उन्होंने कहा कि देवी दुर्गा उन लोगों का नाश करेंगी जो उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मैं सभी को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देती हूं। देवी, जो राक्षसों का नाश करती हैं और जिनकी मैं पूजा करती हूं, मेरे साथ हैं। वह उन लोगों का नाश करेंगी जो मुझे नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने जानबूझकर कभी कोई गलत काम नहीं किया। जब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी मेरे साथ हैं, मुझे कोई नहीं हरा पाएगा।"

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि हाल ही में, बारासात संगठनात्मक जिले में तृणमूल कांग्रेस के बहु-स्तरीय नेतृत्व में फेरबदल हुआ है। इस फेरबदल में घोष दस्तीदार के कई करीबी पूर्व पदाधिकारियों को अपने पद गंवाने पड़े हैं।

उनका कहना है कि चार बार तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य रहीं इस विवादास्पद बयान से उनके लोकसभा क्षेत्र में संगठनात्मक फेरबदल का संकेत मिल रहा है।

हालांकि, बाद में रविवार को, घोष दस्तीदार ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जब उन्हें पता चला कि त्योहारों के मौसम की शुरुआत में उनका बयान विवाद का कारण बन रहा है।

रविवार दोपहर को अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा, "यह बस मां दुर्गा के लिए मेरी कामना थी। ममता बनर्जी द्वारा स्थापित और पोषित एक राजनीतिक दल के बारे में कुछ भी कहने की मुझमें हिम्मत नहीं है। मैं पार्टी का झंडा ऊंचा रखते हुए मरूंगी। मेरा निशाना मुख्य रूप से विपक्षी दलों के वे लोग थे जो मुझे नुकसान पहुँचाने या मुझे हराने की कोशिश कर रहे हैं।"

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक बयानबाज़ी का असर चुनावी माहौल पर कैसे पड़ता है। घोष दस्तीदार के बयान ने न केवल विवाद उत्पन्न किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि पार्टी के भीतर शक्तिशाली बदलाव हो रहे हैं। ऐसे समय में जब त्योहारों का मौसम चल रहा है, इस तरह के बयानों का प्रभाव गहरा हो सकता है।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

काकोली घोष दस्तीदार का विवादास्पद पोस्ट क्या था?
उन्होंने देवी दुर्गा के संदर्भ में कहा कि देवी उन लोगों का नाश करेंगी जो उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
घोष दस्तीदार ने अपने बयान पर क्या स्पष्टीकरण दिया?
उन्होंने कहा कि उनका बयान केवल मां दुर्गा के प्रति उनकी कामना थी और विपक्षी दलों को निशाना बनाया गया था।
क्या इस विवाद का पार्टी पर असर पड़ेगा?
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बयान संगठनात्मक फेरबदल का संकेत है और इससे पार्टी की छवि प्रभावित हो सकती है।